16 लाख के इनामी नक्सली दंपति का सरेंडर, सरकार की नई पुनर्वास नीति से हैं प्रभावित

16 लाख के नक्सली दंपति ने सरेंडर किया है। नक्सल दंपति ने कोंडा गांव पुलिस अधीक्षक वाॅय अक्षय कुमार के सामने सरेंडर किया है‌। सरेंडर करने वाले पति पत्नी दोनों लंबे वक्त से नक्सली हिंसा की वारदातों में शामिल रहे हैं।

16 लाख की इनामी नक्सली दंपति का सरेंडर , सरकार की नई पुनर्वास नीति से हैं प्रभावित 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : कोंडागांव , छत्तीसगढ़। 

नक्सलियों के लिए बनाई गई नई नीति पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली दंपति ने सरेंडर कर दिया है।

सरेंडर करने वाले नक्सल दंपति पर कुल 16 लाख का इनाम था।

रैसिंग कुमेटी उर्फ रतन सिंह पर 8 लाख और उसकी पत्नी पुनाय आचला हरोंदा पर भी 8 लाख का इनाम है।

सरेंडर करने के बाद पति-पत्नी ने कहा कि वह सरकार की पुनर्वास नीति से काफी प्रभावित है।

हिंसा का रास्ता छोड़कर वह समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर जीना चाहते हैं।

16 लाख के नक्सल दंपति ने किया सरेंडर 

नक्सल दंपति ने कोंडागांव पुलिस अधीक्षक वाॅय अक्षय कुमार के सामने सरेंडर किया है।

सरेंडर करने वाले पति पत्नी दोनों लंबे वक्त से नक्सली हिंसा की वारदातों में शामिल रहें हैं।

दोनों कांकेर और नारायणपुर के सीमावर्ती इलाके में सक्रिय रहे हैं। शासन की ओर से दोनों को तत्काल ₹50,000 की आर्थिक मदद की गई है।

शासन की ओर से बाकि सुविधाएं भी उनको जल्द ही मिलेंगी।

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हिंसक वारदातों में यह रहें हैं शामिल 

पुलिस ने बताया है कि पति पत्नी दोनों साल 2002 से लेकर 2023 तक सक्रिय रूप से माओवादियों के लिए काम कर रहे हैं ।

पुलिस ने बताया है कि 8 लाख के इनामी नक्सली रैंसिंग कुमेटी साल 2009 में हुए मदनवाड़ा कोरकोट्टी में हुए हमले में शामिल था।

इस हमले में हमारे 29 जवान शहीद हुए थे। वहीं पुनाय आचला वर्ष 2011 में एएसपी राजेश पंवार पर हमले में शामिल थी।

जिसमें नौ जवान शहीद हए थे।

सरकार की पुनर्वास नीति पुलिस के लगातार कार्यवाही और शासन की नक्सल उन्मूलन नीति ने नक्सलियों में भय का माहौल पैदा किया है।

लिहाज़ा बड़ी संख्या में नक्सली अब आत्मसमर्पण कर रहे है और समाज की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं।

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