“कहलगांव में पोखर खुदाई को लेकर फैली गलतफहमी: ग्रामीणों ने बताया सच्चाई, नहीं हो रहा सरकारी धन का दुरुपयोग”

श्यामपुर पंचायत के ग्रामीणों ने किया स्पष्ट — निजी खर्च से हो रही है चंपा पोखर की खुदाई, मनरेगा योजना से कोई संबंध नहीं

  • “कहलगांव में पोखर खुदाई को लेकर फैली गलतफहमी: ग्रामीणों ने बताया सच्चाई, नहीं हो रहा सरकारी धन का दुरुपयोग”
  • श्यामपुर पंचायत के ग्रामीणों ने किया स्पष्ट — निजी खर्च से हो रही है चंपा पोखर की खुदाई, मनरेगा योजना से कोई संबंध नहीं।

रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। कहलगांव प्रखंड अंतर्गत श्यामपुर पंचायत में चंपा पोखर की खुदाई को लेकर इन दिनों एक नई चर्चा ने जन्म ले लिया है। कुछ दिनों पहले कन्हैया कुमार नामक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पोखर की खुदाई मनरेगा योजना के तहत हो रही है और इसमें जेसीबी का अवैध रूप से प्रयोग किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : राम मंदिर नगरी में बड़ा फैसला: अयोध्या के प्रमुख मार्गों पर नॉनवेज और शराब बिक्री पर पूरी तरह बैन!

लेकिन जब हमारे संवाददाता ने श्यामपुर पंचायत के मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया तो मामला पूरी तरह अलग नजर आया।

ग्रामीणों ने बताई असली तस्वीर

"Misconceptions spread about puddle digging in Kahalgaon: The villagers told the truth, the misuse of government money is not happening"

स्थानीय ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यह कार्य पूरी तरह निजी प्रयासों से किया जा रहा है और सरकार की किसी योजना का इसमें कोई योगदान नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पोखर पिछले 50 वर्षों से बिना खुदाई के सूखा पड़ा था, जिससे:

  • किसानों को सिंचाई में कठिनाई हो रही थी,
  • जानवरों के पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी,
  • छठ पूजा जैसे पर्वों में महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इन सब कारणों को देखते हुए ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से खुदाई का बीड़ा उठाया।

मिट्टी का भी सदुपयोग हो रहा है

खुदाई के दौरान निकलने वाली मिट्टी को पास की सरकारी जमीन पर भरकर एक फील्ड बनाने की योजना पर काम हो रहा है, जिससे गांव के बच्चों और युवाओं को खेलने का स्थान भी मिलेगा।

मुखिया ने भी दी सफाई

"Misconceptions spread about puddle digging in Kahalgaon: The villagers told the truth, the misuse of government money is not happening"
श्यामपुर पंचायत के मुखिया बृजेश पासवान ने स्पष्ट किया कि प्रारंभ में यह काम मनरेगा योजना के तहत शुरू किया गया था, लेकिन जब मजदूरों के माध्यम से काम संभव नहीं हो पाया, तो योजना को बंद कर दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कार्य शुरू किया।

कन्हैया कुमार के आरोप निराधार

मुखिया पर लगाए गए सभी आरोपों को स्थानीय ग्रामीणों ने झूठा और आधारहीन बताया है। लोगों का कहना है कि पोखर खुदाई को लेकर कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है और यह केवल गांव की भलाई के लिए हो रहा है।

"Misconceptions spread about puddle digging in Kahalgaon: The villagers told the truth, the misuse of government money is not happening"यह घटना इस बात का उदाहरण है कि किस तरह ग्रामीण एकजुट होकर विकास कार्य कर सकते हैं। साथ ही यह भी दर्शाती है कि बिना सत्यता की जांच किए सरकारी तंत्र पर आरोप लगाना स्थानीय व्यवस्था को गुमराह कर सकता है।

यह भी पढ़ें : राम मंदिर नगरी में बड़ा फैसला: अयोध्या के प्रमुख मार्गों पर नॉनवेज और शराब बिक्री पर पूरी तरह बैन!