700 करोड़ की हेराफेरी: पूर्व सपा विधायक विनय शंकर तिवारी गिरफ्तार, ED की बड़ी कार्रवाई
बैंकों से लिए गए हजारों करोड़ के कर्ज में भारी गड़बड़ी, लखनऊ से लेकर मुंबई तक 11 जगहों पर छापेमारी
रिपोर्ट : दिनेश चंद्र मिश्रा : गोरखपुर। गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और चर्चित नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी एक बड़े आर्थिक घोटाले में बुरी तरह फंस गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें सोमवार को लखनऊ स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोप है कि उन्होंने और उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने बैंकों से 1129.44 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जिसमें 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का हिसाब नहीं मिला। इस मामले में उनके साथ कंपनी के जनरल मैनेजर अजीत पांडेय को भी हिरासत में लिया गया है।
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11 ठिकानों पर छापा, करोड़ों के दस्तावेज बरामद

ईडी ने सोमवार सुबह लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, दिल्ली और मुंबई में गंगोत्री इंटरप्राइजेज और उससे जुड़ी कंपनियों के 11 दफ्तरों पर छापेमारी की। इस दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और कंप्यूटर डाटा हाथ लगे, जिनमें आर्थिक अनियमितताओं के कई सबूत पाए गए हैं।
पूछताछ में नहीं दे सके जवाब
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ के न्यू हैदराबाद इलाके में ईडी अफसरों ने विनय शंकर तिवारी से कई घंटे पूछताछ की, लेकिन वे सवालों के जवाब साफ-साफ नहीं दे सके। संपत्ति, बैंक अकाउंट और लोन वापसी के मामलों में उन्होंने टालमटोल की। इसी के बाद सोमवार शाम को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कंपनी पर है 750 करोड़ से ज्यादा न लौटाने का आरोप
ईडी की जांच में सामने आया कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने बैंकों के कंसोर्टियम से कुल 1129.44 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें से लगभग 750 करोड़ रुपये अभी तक नहीं लौटाए गए हैं। सबसे ज्यादा पैसा बैंक ऑफ इंडिया का बताया जा रहा है।
CBI ने दर्ज की थी FIR, अब मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
CBI ने बैंकों की शिकायत के बाद गंगोत्री इंटरप्राइजेज, उसकी सहयोगी कंपनियों, निदेशकों और गारंटरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की। अब तक ईडी करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
GM अजीत पांडेय की भी गिरफ्तारी
महाराजगंज में गंगोत्री कंपनी के डायरेक्टर अजीत पांडेय को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने बैंक से लिए गए कर्ज को संपत्तियां खरीदने में इस्तेमाल किया और कंपनी के नाम पर फर्जी लेन-देन किए।
जल्द और गिरफ्तारियां संभव
ईडी सूत्रों के अनुसार, गोरखपुर, लखनऊ और नोएडा से मिले दस्तावेजों में ऐसे कई नाम सामने आए हैं, जो इस पूरे मामले में शामिल हो सकते हैं। जल्द ही विनय शंकर तिवारी के और करीबियों पर भी शिकंजा कस सकता है।
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