गोरखपुर में महाकुंभ की परंपरा पर होगी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, महाराणा प्रताप महाविद्यालय करेगा दो दिवसीय आयोजन की मेजबानी

दो दिवसीय कार्यक्रम 22 और 23 फरवरी को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के कला संकाय के तत्वावधान में होगा

रिपोर्ट : दिनेश चंद्र मिश्रा
गोरखपुर। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन, प्रयागराज महाकुंभ की परंपरा, अनुष्ठान और महत्ता पर गोरखपुर में एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित होने जा रही है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम 22 और 23 फरवरी को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के कला संकाय के तत्वावधान में होगा।

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मुख्यमंत्री योगी का शुभकामना संदेश

International seminar will be held on the tradition of Mahakumbh in Gorakhpur, Maharana Pratap College will host a two -day event

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन के लिए शुभकामना संदेश भेजा है, जिसमें उन्होंने महाकुंभ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन को सराहनीय बताया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के पावन संगम तट पर आयोजित महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है।

उद्घाटन सत्र के यह होंगे मुख्य अतिथि

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सुपरिचित संत, आध्यात्मिक विचारक और सिद्धपीठ श्रीहनुमन्निवास धाम अयोध्या के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण उपस्थित रहेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के आचार्य प्रो. के. रामचंद्र रेड्डी और त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के संस्कृत विभाग के आचार्य डॉ. सुबोध कुमार शुक्ल शामिल होंगे।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि

समापन सत्र के मुख्य अतिथि अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता के वरिष्ठ कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ. भबातोष विश्वास होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. ओमजी उपाध्याय शामिल होंगे।

International seminar will be held on the tradition of Mahakumbh in Gorakhpur, Maharana Pratap College will host a two -day eventमहाराणा प्रताप महाविद्यालय की उप प्राचार्या शिप्रा सिंह ने बताया कि महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता, सुव्यवस्था और समसामयिकता के दृष्टिगत इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में महाकुंभ की परंपरा से लेकर वर्तमान परिप्रेक्ष्य तक पर चर्चा होगी। इस दौरान कई शोध पत्र भी प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सांस्कृतिक चेतना जागरण अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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