रिपोर्ट : संतोष शुक्ला : रूपईडीहा : बहराइच। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रूपईडीहा-नेपालगंज मार्ग से प्रतिदिन अनेक नेपाली नागरिक रोजगार और मजदूरी की तलाश में भारत आते-जाते हैं। हालांकि, हाल के दिनों में इन यात्रियों के साथ ई-रिक्शा चालकों द्वारा ठगी और मारपीट की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।
जानिए कैसे होती है ठगी की घटनाएं?

जब नेपाली यात्री बसों से उतरते हैं, तो ई-रिक्शा चालक समूह बनाकर उन्हें घेर लेते हैं। उनका सामान उठाकर अपने रिक्शों की ओर ले जाते हैं, जिससे यात्री मजबूरन उनके रिक्शे में बैठने को विवश हो जाते हैं। इसके बाद, चालक अपने तीन-चार साथियों को यात्री बनाकर रिक्शे में बिठा लेते हैं और सीमा प्रवेश के नाम पर हजारों रुपये वसूलते हैं। सामान सीमा पार कराने के बहाने कई बार बैग, झोला आदि गायब कर देते हैं।
ई-रिक्शा में जबरन बैठाने के लिए करते हैं यात्रियों से मारपीट
भारत से नेपाल लौटते समय, जो यात्री पैदल जाना चाहते हैं, उन्हें जबरन रिक्शे में बैठाया जाता है। इंकार करने पर मारपीट की जाती है और सीमा प्रवेश के नाम पर चार-पांच सौ रुपये तक वसूले जाते हैं। स्थानीय समाजसेवी या पत्रकार हस्तक्षेप करने पर उनके साथ भी गाली-गलौज और मारपीट की जाती है।
भारत की छवि पर पड़ रहा असर
भारत नेपाल सीमा पर ई रिक्शा चालकों की मनमानी और नेपाली यात्रियों को परेशान करने वाली इन घटनाओं से नेपाल में भारत की छवि खराब हो रही है, जिससे दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ठगी करने वाले ई-रिक्शा चालकों को चिन्हित कर कार्यवाही करे प्रशासन
भाजपा जिला प्रतिनिधि अजय मिश्रा, भाजपा किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष भीमसेन मिश्रा, और भाजपा मंडल मंत्री विजय सिंह ने प्रशासन से इन ठगी करने वाले ई-रिक्शा चालकों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग की है।