
दिल्ली हाई कोर्ट जज के घर में लगी आग के बाद कैश बरामद – सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वीडियो
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर इस घटना से जुड़ा वीडियो जारी कर दिया गया
रिपोर्ट : विजय कुमार पटेल
Update Justice Verma News : दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग के बाद वहां से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबर सामने आई थी। इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर इस घटना से जुड़ा वीडियो जारी कर दिया गया है। जस्टिस वर्मा ने इस पूरे मामले में अपनी सफाई दी है और आरोपों को सिरे से खारिज किया है। वहीं, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष कमेटी का गठन कर दिया है।
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कैसे सामने आया मामला?

कुछ दिन पहले जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना हुई थी। जब फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने पहुंची तो वहां बड़ी मात्रा में कैश मिलने की बात सामने आई। पहले तो फायर ब्रिगेड ने इस दावे को नकार दिया, लेकिन बाद में उन्होंने कैश बरामद होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद से ही यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
जस्टिस वर्मा ने दी सफाई
जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो भी कैश मिला है, वह उनके आउटहाउस में था और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा: “घटना के समय मैं दिल्ली में नहीं था। मैं और मेरी पत्नी 15 मार्च 2025 की शाम को ही भोपाल से फ्लाइट संख्या 6E 2303 से लौटे थे।”
“कैश जिस स्टोररूम से बरामद हुआ है, उसका मेरे या मेरे परिवार से कोई संबंध नहीं है। न मैंने और न ही मेरे किसी परिजन ने वहां कोई नकदी रखी थी।” जस्टिस वर्मा ने कहा “कोई भी व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले स्टोररूम में इतनी बड़ी मात्रा में कैश क्यों रखेगा?”
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वीडियो
इस मामले से जुड़ा एक वीडियो सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इसमें कथित रूप से जले हुए नोटों की गड्डियां देखी जा सकती हैं। जस्टिस वर्मा का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को इस पैसे की कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है।
सीजेआई ने बनाई जांच कमेटी
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक जांच कमेटी गठित कर दी है। साथ ही, जस्टिस वर्मा के पिछले छह महीने (1 सितंबर 2024 से अब तक) का कॉल रिकॉर्ड भी निकाला गया है और इसे CJI को सौंप दिया गया है।
जस्टिस वर्मा को कहा गया है कि वह अपने मोबाइल से कोई डेटा, मैसेज या कॉल लॉग डिलीट न करें। इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए अन्य संबंधित अधिकारियों से भी जानकारी मांगी गई है।
क्या है अगला कदम?
अब सभी की नजरें इस मामले की जांच पर टिकी हैं। क्या जस्टिस वर्मा को बेवजह फंसाया जा रहा है या फिर इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश है? यह तो जांच के बाद ही साफ होगा। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से मामले में पारदर्शिता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
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