लखीमपुर खीरी में कानून व्यवस्था पर उठे सवाल, पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के रवैये पर बवाल

पत्रकार की गिरफ्तारी पर 12 घंटे में पूरी कार्रवाई, एसपी की चुप्पी पर उठे सवाल

रिपोर्ट : आयुष पाण्डेय : लखीमपुर खीरी। जिले में पत्रकारों और पुलिस प्रशासन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भीरा थाने में पत्रकार दीपक पंडित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मात्र 12 घंटे के अंदर उन्हें जेल भेज दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस ने न तो कोई गहन जांच की और न ही किसी रिपोर्ट का इंतजार किया, जिससे पत्रकार संगठनों में आक्रोश है।

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एसपी संकल्प शर्मा पर गंभीर आरोप

Questions raised on law and order in Lakhimpur Kheri, uproar over police attitude over the arrest of a journalis

पत्रकार दीपक पंडित की गिरफ्तारी के बाद लखीमपुर खीरी पुलिस के रवैये को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसपी संकल्प शर्मा ने इस पूरे मामले पर 6 घंटे तक किसी भी पत्रकार का फोन नहीं उठाया और न ही कोई जवाब दिया। पत्रकारों का कहना है कि जब उन्होंने एसपी कार्यालय में संपर्क किया तो पीआरओ ने केवल यही जवाब दिया कि ‘साहब मीटिंग में हैं, बिजी हैं।’

पत्रकारों का विरोध और एसपी दफ्तर का घेराव

घटना के बाद आक्रोशित पत्रकारों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया, लेकिन वहां भी एसपी संकल्प शर्मा नदारद रहे। सोशल मीडिया पर खीरी पुलिस के इस रवैये की जमकर आलोचना हो रही है। पत्रकार संगठनों का कहना है कि बड़े अपराधों में कार्रवाई करने में महीनों लगा देने वाली पुलिस ने पत्रकार की गिरफ्तारी के मामले में इतनी तत्परता क्यों दिखाई?

मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम से शिकायत की तैयारी

पत्रकारों ने ऐलान किया है कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर एसपी के रवैये की लिखित शिकायत करेंगे। पत्रकारों का कहना है कि प्रदेश सरकार मीडिया की स्वतंत्रता की बात करती है, लेकिन लखीमपुर खीरी में प्रशासन इस पर पानी फेर रहा है।

एसपी कार्यालय की चुप्पी पर बढ़ा विवाद

पत्रकारों का आरोप है कि एसपी कार्यालय पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है। सवाल यह उठता है कि एक पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर एसपी ने 6 घंटे तक किसी भी पत्रकार से बात क्यों नहीं की? आखिर ऐसा कौन सा दबाव था, जिससे इतनी तेजी से कार्रवाई की गई?

सोशल मीडिया पर पुलिस की निंदा

इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लखीमपुर खीरी पुलिस की आलोचना हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या जिले की कानून व्यवस्था एसपी संकल्प शर्मा चला रहे हैं या उनके पीआरओ? पत्रकारों ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर तक उठाने की बात कही है।

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