नोएडा: सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट अपलोड करने वालों पर कसा शिकंजा, 15.66 करोड़ की अवैध फॉरेन फंडिंग का खुलासा

सोशल मीडिया के जरिए मॉडल्स की होती थी भर्ती, कंपनी पर छापा

रिपोर्ट : आयुष पांडेय 

नोएडा। नोएडा पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी पर छापा मारा है। इस रेड के दौरान 15.66 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ है। यह कंपनी सोशल मीडिया के जरिए मॉडल्स की भर्ती कर अश्लील कंटेंट तैयार और अपलोड करने के आरोपों में घिरी हुई थी।

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फॉरेन फंडिंग के जरिए चल रहा था पूरा नेटवर्क

Noida: Tightened screws on those uploading pornographic content on social media, illegal foreign funding of 15.66 crores revealed

जांच एजेंसियों के अनुसार, सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग प्राप्त हो रही थी, जिसका उपयोग अश्लील सामग्री बनाने और उसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित करने में किया जा रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क युवाओं और मॉडल्स को बड़े ऑफर्स का लालच देकर जोड़ता था, फिर उनसे अनुचित कंटेंट तैयार करवाकर उसे विदेशी वेबसाइटों पर अपलोड किया जाता था।

रेड में बरामद हुए डिजिटल सबूत और बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स

Noida: Tightened screws on those uploading pornographic content on social media, illegal foreign funding of 15.66 crores revealedछापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई डिजिटल डिवाइसेज, बैंक डिटेल्स, लैपटॉप और दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे इस अवैध गतिविधि की पुष्टि हुई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि कंपनी ने विभिन्न बैंक खातों के जरिए यह धनराशि प्राप्त की और इसे अवैध रूप से इस्तेमाल किया।

सोशल मीडिया बना जरिया, मॉडल्स को दिया जाता था लालच

कंपनी के मालिक और कर्मचारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर मॉडल्स और युवाओं को आकर्षक पैकेज देने के नाम पर भर्ती किया। इसके बाद, उनसे अनुबंध करवाकर अश्लील कंटेंट तैयार करवाया जाता था।

जांच एजेंसियों का बयान

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और साइबर क्राइम टीम मिलकर जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे रैकेट में कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान करने के लिए फाइनेंशियल रिकॉर्ड और डिजिटल लेनदेन की गहन जांच की जा रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारी जांच में अब तक 15.66 करोड़ रुपये की अवैध फॉरेन फंडिंग का खुलासा हुआ है। हमें शक है कि यह रकम और भी ज्यादा हो सकती है। मामले की जांच जारी है और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।”

आगे की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस इस मामले में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचने के लिए बैंक ट्रांजैक्शनों, सोशल मीडिया गतिविधियों और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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