पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर श्रावस्ती में जोरदार प्रदर्शन

धरना स्थल पर कर्मचारियों का हुजूम, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

श्रावस्ती: कलेक्ट्रेट भिनगा स्थित जिला मुख्यालय के धरना स्थल पर 1 अप्रैल मंगलवार को पुरानी पेंशन बहाली (OPS) की मांग को लेकर अटेवा (ATEWA/MNOPS) के तत्वावधान में विभिन्न विभागों के सैकड़ों कर्मचारी एकजुट हुए। परिषदीय शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मी, माध्यमिक शिक्षक, यूपी मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, लोक निर्माण विभाग श्रावस्ती, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश PWD डिप्लोमा इंजीनियर संघ, पंचायती राज विभाग समेत कई संगठनों के पदाधिकारियों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया।

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Strong demonstration in Shravasti demanding old pension restoration
फोटो : प्रदर्शन करते कर्मचारी

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को बुलंद किया और पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः लागू करने की मांग की। तीन दर्जन से अधिक वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया और कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया।

वक्ताओं ने कर्मचारियों को किया उत्साहित

धरना स्थल पर जनसभा को संबोधित करने वालों में जिलाध्यक्ष अटेवा स्वप्निल पाण्डेय, मंडलीय संगठन मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह, संगठन मंत्री डॉ. ज्ञान प्रकाश रॉय, विवेक शुक्ल, प्रदीप मिश्र, मीडिया प्रभारी पुण्डरीक पाण्डेय, लोकेन्द्र कुमार, राजकुमार उपाध्याय, रामनरेश, महेश मिश्र, सर्वेश यादव, रमानिवास शुक्ल, अशोक शाक्य, सुरेश प्रसाद, के.पी. सिंह, दिनेश मिश्र, इंजीनियर रामसागर कुशवाहा, दिवाकर शुक्ल, घनश्याम नायक, राकेश सिंह, रविशंकर सिंह (जिला महामंत्री) समेत अन्य प्रमुख वक्तागण शामिल थे।

वक्ताओं ने अपने जोशीले भाषणों से प्रदर्शनकारियों में नई ऊर्जा भर दी। “जय युवा जय अटेवा” और “पुरानी पेंशन बहाल हो” जैसे नारों से पूरा परिसर गूंज उठा। वक्ताओं ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

कर्मचारियों की मांगें और आंदोलन की रणनीति

Strong demonstration in Shravasti demanding old pension restorationकर्मचारियों ने सरकार से अपील की कि वे जल्द से जल्द पुरानी पेंशन योजना लागू करें, जिससे कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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