भागलपुर के ‘हेलमेट मैन’ कांस्टेबल धनंजय की अनोखी मुहिम: बेजुबान पशुओं के लिए बनी एक मिसाल… देखें Video
साथियों श्रेयांस और शाहिद के साथ मिलकर कर रहे हैं आवारा जानवरों की देखभाल, चुपचाप बांट रहे हैं इंसानियत का पाठ
रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर। इस मतलबी दौर में जहां ज़्यादातर लोग सिर्फ अपनी ज़िंदगी में मसरूफ हैं, वहीं भागलपुर के एक सच्चे मानवता के सिपाही कांस्टेबल धनंजय पासवान, जिन्हें लोग ‘हेलमेट मैन’ के नाम से जानते हैं, कुछ अलग ही कर रहे हैं। उन्होंने अपने दो साथियों – श्रेयांस और शाहिद – के साथ मिलकर आवारा और भूखे-प्यासे जानवरों की सेवा का जिम्मा उठाया है। उनकी ये पहल न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच का भी संदेश देती है।
बेजुबानों की आवाज़ बने ‘हेलमेट मैन’
भूख से बचाने का नेक इरादा
धनंजय का मानना है कि इंसानों की मदद तो कई लोग करते हैं, लेकिन जानवरों की सेवा करने वाले बहुत कम मिलते हैं। उन्होंने बताया कि कई जानवर भूख के कारण कचरे में पड़ी पॉलिथीन खा लेते हैं, जो उनकी जान के लिए खतरा बन जाती है। इसी को रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया है।
श्रेयांस और शाहिद का योगदान
सहयोगी श्रेयांस बताते हैं कि उनका मकसद है कि कोई भी जानवर भूखा न सोए। वे जगह-जगह जाकर जानवरों को खाना-पानी मुहैया कराते हैं। उनका कहना है कि जानवर भले बोल नहीं सकते, पर उन्हें दर्द भी होता है और भूख भी लगती है।
प्रकृति के संतुलन में अहम है पशुओं की भूमिका
इस मुहिम के ज़रिए यह भी संदेश दिया जा रहा है कि जानवरों का संरक्षण हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ज़रूरी है। अगर किसी एक प्रजाति को नुकसान पहुंचता है, तो पूरा प्राकृतिक चक्र बिगड़ सकता है।
एक छोटी मदद, एक बड़ी मानवता
हेलमेट मैन कहते हैं, “अगर हम एक भी जानवर को भूख या प्यास से बचा पाते हैं, तो वो भी हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। हमें अपने बच्चों और आसपास के लोगों को भी पशु प्रेम और संरक्षण के लिए प्रेरित करना चाहिए।”
गौरतलब हो कि कांस्टेबल धनंजय पासवान और उनके साथियों ने यह साबित कर दिया कि इंसानियत सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं है। अगर हम बेजुबानों के लिए भी थोड़ा सा सोचें, तो ये धरती वाकई रहने लायक जगह बन सकती है।