20 दिन बाद भी बेटा का क़ातिल आज़ाद: न्याय के लिए मां-बेटियों का चौराहे पर अनशन

कुशीनगर के सलेमगढ़ में अनशन पर बैठीं मां मंजू देवी, बेटा खोने के बाद भी प्रशासन ने नहीं सुनी फ़रियाद

रिपोर्ट : अखिलेश कुमार द्विवेदी : कुशीनगर। कहते हैं इंसाफ देर से मिले तो उसका मतलब खत्म हो जाता है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक मां पिछले 20 दिनों से अपने बेटे के कातिलों की गिरफ्तारी के इंतज़ार में है। बेटे की मौत के ग़म के साथ-साथ अब मंजू देवी अपनी दो बेटियों के साथ गांव के चौराहे पर क्रमिक अनशन पर बैठी हैं। लेकिन प्रशासन अभी भी खामोश है, मानो इंसाफ की आवाज़ उन्हें सुनाई ही नहीं देती।

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बेटे की मौत के बाद मां की लड़ाई ने लिया अनशन का रूप

Son's killer Azad even after 20 days: Mother-daughters fast for justice at intersection
फोटो : बेटी व परिजनों के साथ धरना देती महिला

कुशीनगर जिले के तमकुहीराज थाना क्षेत्र के लतवां मुरलीधर गांव की रहने वाली मंजू देवी पर इस वक्त दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। 19 मार्च को गांव के कुछ लोगों ने उनके इकलौते बेटे अमित राय को बेरहमी से पीटा। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 20 मार्च को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

21 मार्च को गांव में उबाल, फिर भी लाचार पुलिस

अमित की मौत से आक्रोशित गांव वालों ने 21 मार्च को सड़क जाम कर दिया। तब साफ कहा गया कि जब तक हत्यारे गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा। पुलिस ने दबाव में आकर 22 मार्च को मुकदमा दर्ज किया और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हुई।

10 अप्रैल तक का इंतज़ार, फिर चौराहे पर धरना

मंजू देवी ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर 10 अप्रैल तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वो अपने बेटे की चिता के पास धरना देंगी। प्रशासन ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही गिरफ्तारी हुई। तूफान और बारिश में टेंट उड़ने के बाद मंजू देवी ने गांव के चौराहे को ही अपना धरना स्थल बना लिया।

अनशन पर बैठीं मां और बेटियां, गांव के लोग दे रहे साथ

Son's killer Azad even after 20 days: Mother-daughters fast for justice at intersectionमंजू देवी और उनकी दो बेटियां अब गांव के चौराहे पर बैठकर क्रमिक अनशन कर रही हैं। गांव के लोग भी हर दिन वहां आकर उनका साथ दे रहे हैं। लेकिन अफसोस कि अब तक कोई प्रशासनिक अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया।

दबाव बनाने की कोशिशें और मां की हिम्मत

मंजू देवी का आरोप है कि आरोपियों की ओर से उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। लेकिन उन्होंने साफ कह दिया है – “जब तक बेटे के कातिल जेल नहीं जाएंगे, तब तक ये अनशन नहीं टूटेगा।”

ग्रामीणों की एकजुटता, प्रशासन की चुप्पी

गांव वालों का कहना है कि एक विधवा मां के साथ ऐसा बर्ताव शर्मनाक है। हर दिन ग्रामीणों की भीड़ मंजू देवी के समर्थन में जुट रही है, लेकिन अभी तक कोई एसडीएम, सीओ या थाना प्रभारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं।

गौरतलब हो कि मंजू देवी की आवाज़ अब पूरे ज़िले में गूंज रही है, लेकिन क्या सिस्टम की दीवारों के पार यह आवाज़ पहुंच पाएगी? ये सवाल आज भी ज़िंदा है।

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