रिपोर्ट: अजय कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर की एक प्रतिभाशाली और कम उम्र की कथावाचिका श्रेयांशी पांडेय ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान श्रीमद् भागवत कथा के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने हिंदी नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि कैसे श्रीमद् भागवत कथा केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से भी पूरे विश्व के कल्याण का मार्ग बन सकती है।
श्रेयांशी ने बताया कि भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों के ज़रिए हमें अपने कर्तव्यों, धर्म और आचरण को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि यदि हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तो हमें अपनी सभ्यता, संस्कृति और सनातन मूल्यों को संभाल कर रखना होगा।
“श्रीमद् भागवत कथा केवल कथा नहीं, एक मार्गदर्शन है। धर्म से जुड़े रहकर ही हम समाज और देश का सच्चा विकास कर सकते हैं।”
—-कथावाचिका श्रेयांशी पांडेय
प्रेस वार्ता में उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा अगर अपने माता-पिता और गुरुजनों की बात माने और अपने जीवन में अनुशासन रखे, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकता है।
श्रेयांशी ने चिंता जताई कि आज के अधिकतर युवा धर्म से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म से जुड़कर ही हम आत्मिक शांति, जीवन में स्थिरता और सामाजिक सौहार्द बना सकते हैं।अगर आज का युवा अपनी जड़ों से जुड़ा रहेगा, तो ना सिर्फ उसका व्यक्तिगत विकास होगा, बल्कि राष्ट्र और विश्व का भी कल्याण निश्चित है।
श्रेयांशी का यह विचार न सिर्फ धार्मिक सोच को मजबूती देता है, बल्कि आज के युवाओं को एक नई दिशा भी दिखाता है।