14 साल की नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले गए आरोपी, दुष्कर्म कर धर्म परिवर्तन करवाने की हुई कोशिश
परिजनों का आरोप— दुष्कर्म कर जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह का बनाया गया दबाव, पुलिस पर भी गंभीर आरोप
अतुल त्रिपाठी : बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने, दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास और मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना की बात कही जा रही है। परिजनों का आरोप है कि आरोपी पक्ष न सिर्फ दबंग है बल्कि पुलिस प्रशासन पर भी उनका प्रभाव है। पीड़ित परिवार अब अपनी सुरक्षा और इंसाफ की मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा रहा है।

बहराइच जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित रिक्खी गांव निवासी एक व्यक्ति ने अपनी 14 वर्षीय पुत्री के अचानक लापता होने की सूचना 13 अप्रैल 2025 को स्थानीय थाने में दी थी। परिजनों ने बताया कि लड़की सुबह लगभग 5 बजे से गायब थी और काफी तलाशने के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला।
शाम को लगभग 8 बजे जब गांव वालों से जानकारी मिली, तब परिजनों को पता चला कि मोहम्मद आरिफ उर्फ सोनू पुत्र शबीर, जो नवाबगंज का ही निवासी है, वह उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने मामा हामिद के घर पर ले गया है। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और आसपास के लोगों के साथ हामिद के घर पहुंचे। वहां पुलिस के सहयोग से नाबालिग को बरामद किया गया।
परिजनों का आरोप है कि लड़की को बंदी बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इतना ही नहीं, उससे मुस्लिम धर्म स्वीकार कर निकाह करने का भी दबाव बनाया गया। लड़की को धमकाया गया कि अगर वह अपने मां-बाप के खिलाफ बयान नहीं देगी, तो उसका पूरा परिवार मार दिया जाएगा।
परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने ना केवल मामले को दबाने की कोशिश की बल्कि लड़की से उसके ही खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया गया। पीड़ित का कहना है कि पुलिस पर भी विपक्षियों का दबाव है जिसके चलते बरामदगी के बाद लड़की को नहलाकर, उसके कपड़े बदलवाकर मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया जिससे साक्ष्य मिटाया जा सके।
इतना ही नहीं, पीड़िता को जिस घर से बरामद किया गया, उसे भी पुलिस ने छुपाने का प्रयास किया। आरोपियों की पकड़ पुलिस थाने में इतनी मजबूत बताई जा रही है कि वे खुलेआम कह रहे हैं— “हम चार-पांच लाख में थाना खरीद लेंगे, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।”
परिजनों ने जिला अस्पताल में इलाज करवा रहे अपनी बेटी के लिए सुरक्षा की मांग की है और जिला प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएं। पीड़िता अभी भी डरी-सहमी है और उसे व उसके परिवार को जान का खतरा है।
पीड़ित परिवार की मांग:
- आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी
- मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच
- पीड़ित परिवार को सुरक्षा
- पुलिस पर लगे आरोपों की जांच हो
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय मिल पाएगा, जब आरोपी पैसे और प्रभावशाली हों? स्थानीय प्रशासन और शासन से अब इस प्रकरण में पीड़ित पक्ष को न्याय की उम्मीद है।