परशुराम सेना की अगुवाई में बहराइच बना धर्म व संस्कारों का केंद्र, मंदिर निर्माण और विप्र जागरण के लिए आगे आए समाज : पं. राजकुमार बाजपेई
समाज के उत्थान और संगठन के विस्तार में अग्रणी भूमिका निभाने का दिया संदेश, परशुराम भक्तों ने किया भव्य स्वागत
बहराइच। यूपी के बहराइच में अक्षय तृतीया व भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य शोभायात्रा में पं. राजकुमार बाजपेई और श्री धीरज सिंह की उपस्थिति आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा। दोनों अतिथियों ने न केवल भगवान परशुराम के आदर्शों को समाज में उतारने का आह्वान किया बल्कि मंदिर निर्माण हेतु 50-50 हजार रुपये का सहयोग देकर एक प्रेरणादायी पहल भी की।
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मुख्य अतिथि पं. राजकुमार बाजपेई ने कहा कि भगवान परशुराम के तप, त्याग और आदर्श आज भी समाज को दिशा देने वाले हैं। उन्होंने विप्र समाज को नेतृत्वकारी भूमिका में आने का आह्वान करते हुए संकल्प दिलाया कि हर विप्रजन अपने समाज और संस्कृति के लिए सदैव समर्पित रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि “संगठन की शक्ति ही समाज की पहचान है।”

दोनों अतिथियों ने मंदिर निर्माण के लिए 50-50 हजार रुपये के चेक सौंपकर एक मिसाल कायम की, जिसे परशुराम सेना व स्थानीय लोगों ने तालियों और जयकारों के साथ भव्य स्वागत करते हुए सराहा।
युवाओं को शिक्षा और संस्कृति के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया
पं. देवेश चंद्र मिश्र ‘मजनू’ ने युवाओं को शिक्षा और संस्कृति के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। डॉ. राजेश तिवारी ने आत्मनिर्भर बनने और सीमित अपेक्षाओं में जीवन जीने की प्रेरणा दी। प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष नितेश त्रिपाठी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ तिवारी ने समाज को संगठित बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
जिला संरक्षक पं. पुण्डरीक पांडेय को समाज और अध्यात्म में उनके योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उन्हें ऋषि परंपरा का वाहक बताते हुए उनके नेतृत्व की जमकर सराहना हुई।
राजनीतिक मांग और चेतावनी
कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय किसान संघ के प्रदेश पदाधिकारी श्री रामजी तिवारी ने सरकार से मांग की कि बहराइच में शहीद मंगल पांडेय की प्रतिमा स्थापित की जाए, परशुराम जयंती को राजकीय अवकाश घोषित किया जाए, और गौमाता व विप्र समाज की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इन मांगों की अनदेखी पर आंदोलन होगा।
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