- कांग्रेस नेता पर नौकरानी से 3 साल तक यौन शोषण का आरोप, वॉइस मैसेज से मचा हड़कंप
- आशा देवी ने जगदीशपुर थाना में दर्ज कराई शिकायत, नेता पर जबरन गर्भपात और जान से मारने की धमकी देने का आरोप
रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर जिले के जगदीशपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कांग्रेस नेता सुनील तिवारी पर एक महिला ने गंभीर यौन शोषण, धोखा, जबरन गर्भपात और धमकाने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने पूरे मामले को लेकर थाने में लिखित शिकायत दी है, जिसमें तीन साल की लंबी पीड़ा और मानसिक प्रताड़ना की दास्तान सामने आई है। इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया, जब दोनों की बातचीत का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
आशा देवी का आरोप है कि सुनील तिवारी ने उन्हें ₹4000 मासिक वेतन देने का वादा किया था, लेकिन वास्तव में कभी ₹500 तो कभी ₹1000 ही मिले। इसी दौरान उसने दो बार जबरन गर्भपात भी कराया। जब आशा देवी ने यह संबंध तोड़ने और उनके यहां काम पर जाना बंद किया, तो उन्हें और उनके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी गई।
पीड़िता ने यह भी बताया कि सुनील तिवारी उनके ससुराल पहुंचकर उनके सास-ससुर को धमकाने लगा और दबाव बनाने लगा कि आशा देवी को उसके हवाले कर दिया जाए।
पीड़िता का बयान
“मैंने अब चुप रहना छोड़ दिया है। मेरे बच्चों का भविष्य है। मैं नहीं चाहती कि मेरी जैसी कोई और औरत भी ऐसी स्थिति में आए। मुझे न्याय चाहिए।”
— आशा देवी, पीड़िता
वायरल ऑडियो ने बढ़ाया बवाल
मामले में नया मोड़ उस समय आया, जब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर सुनील तिवारी भावनात्मक रूप से आशा देवी से माफी मांगते और शादी करने की बात कहते सुनाई दे रहे हैं। ऑडियो में वह कहते हैं, “मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता, मैं सिंदूर भरने को तैयार हूं, जितनी जमीन चाहिए ले लो, जितना पैसा चाहिए ले लो।” इस पर आशा देवी स्पष्ट शब्दों में कहती हैं कि वह अब उनके साथ नहीं रहना चाहतीं।
नेता बोले – “झूठा है आरोप, छवि खराब करने की साजिश”
जब इस मामले में कांग्रेस नेता सुनील तिवारी से मीडिया ने बात की, तो उन्होंने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है, “यह सब मुझे बदनाम करने की साजिश है। कोई भी किसी पर आवेदन दे सकता है, इसका मतलब ये नहीं कि मैं दोषी हूं।”
पुलिस जांच में जुटी
जगदीशपुर थाना अध्यक्ष अभय कुमार ने पुष्टि की है कि उन्हें इस संबंध में आशा देवी से लिखित आवेदन प्राप्त हुआ है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक दबाव में चुप्पी एक बड़ी सच्चाई
इस मामले में एक बड़ा सवाल ये भी उठता है कि आखिर कोई महिला तीन साल तक यौन शोषण कैसे सहती रही? सामाजिक दबाव, आर्थिक मजबूरी और महिला की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए यह बात समझ आती है कि पीड़िता ने अब जाकर हिम्मत दिखाई और शिकायत दर्ज कराई।