उत्तर प्रदेश की आंगनबाड़ी भर्ती में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के नाम पर बड़ा घोटाला!

तेजवापुर ब्लॉक बना घोटाले का केंद्र, संपन्न लोगों को मिला ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, प्रशासन मौन

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  • तेजवापुर ब्लॉक बना घोटाले का केंद्र, संपन्न लोगों को मिला ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, प्रशासन मौन

 विजय कुमार पटेल : लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 74 जिलों में चल रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती प्रक्रिया अब विवादों के घेरे में आ गई है। जहां एक ओर हजारों महिलाएं इस भर्ती प्रक्रिया से रोजगार की उम्मीद लगाए बैठी थीं, वहीं दूसरी ओर आरक्षण के नाम पर बड़ी धांधली सामने आई है। ईडब्ल्यूएस कोटे का फायदा उन लोगों ने उठा लिया जो वास्तव में इस श्रेणी में आते ही नहीं। सबसे गंभीर मामला बहराइच के तेजवापुर ब्लॉक से सामने आया है, जहां संपन्न लोगों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र देकर चयनित किया गया है।

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भर्ती प्रक्रिया और ईडब्ल्यूएस आरक्षण में धांधली

Big scam in the name of EWS reservation in Anganwadi recruitment of Uttar Pradesh!

उत्तर प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से कुल 23,753 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। सभी जिलों में अलग-अलग संख्या में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार, ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Section) वर्ग को 10% आरक्षण का प्रावधान था।

लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में 10% की जगह 40% से 50% तक ईडब्ल्यूएस आरक्षण देकर नियुक्तियां की गईं। यही नहीं, कई ऐसे लोगों को चयनित किया गया है जो पूरी तरह से आर्थिक रूप से सक्षम हैं और संपन्न परिवार से आते हैं, लेकिन फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के बल पर नौकरी पा गए।

बहराइच के तेजवापुर ब्लॉक में खुला सबसे बड़ा खेल

इस घोटाले का सबसे बड़ा उदाहरण बहराइच जिले के तेजवापुर ब्लॉक में सामने आया है। ग्राम पंचायत नवादा में बड़ी संख्या में ऐसे आवेदकों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं जो महंगी गाड़ियों, पक्के मकानों और आय के अन्य साधनों से युक्त हैं। बावजूद इसके, इन्हें गरीबी की श्रेणी में दिखा कर चयन सूची में शामिल कर लिया गया। यही हाल कुछ अन्य ग्राम पंचायतों की चयनित पात्रों का है।

स्थानीय लोगों ने जब इस पर सवाल उठाए तो प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। शिकायतों के बावजूद अभी तक किसी प्रकार की जांच या कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

सरकार के आदेशों की उड़ाई गई धज्जियां

सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो और जिनके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि, पक्का मकान या कोई अन्य संपत्ति न हो।

लेकिन भर्ती प्रक्रिया में इन शर्तों को नजरअंदाज कर के, सिफारिश, जान-पहचान और भ्रष्टाचार के बल पर कई अयोग्य लोगों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र की आड़ में भर्ती कर लिया गया है। इससे न केवल योग्य और जरूरतमंद आवेदकों के साथ अन्याय हुआ है, बल्कि सरकारी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

जिलेवार पदों का ब्योरा

प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग पदों की संख्या निर्धारित की गई थी, जिनमें प्रमुख जिले इस प्रकार हैं:

  • बहराइच – 598 पद
  • लखनऊ – 566 पद
  • हरदोई – 549 पद
  • प्रयागराज – 516 पद
  • बिजनौर – 507 पद
  • उन्नाव – 601 पद
  • सोनभद्र – 593 पद
  • जौनपुर – 183 पद
  • अयोध्या- 218 पद
  • अमेठी – 427 पद
  • आगरा – 469 पद
  • अलीगढ- 499 पद
  • अमरोहा – 142 पद
  • अम्बेडकरनगर – 223 पद
  • औरैया – 321 पद
  • आजमगढ़ – 350 पद
  • बागपत – 199 पद
  • बलिया – 301 पद
  • बलरामपुर – 388 पद
  • बरेली – 329 पद
  • बस्ती – 268 पद
  • भदोही – 155 पद
  • बंदायू – 538 पद
  • बाँदा – 178 पद
  • बाराबंकी – 349 पद
  • बुलंदशहर – 457 पद
  • चंदौली – 242 पद
  • चित्रकूट – 230 पद
  • देवरिया – 249 पद
  • फर्रुखाबाद – 166 पद
  • फतेहपुर – 426 पद
  • फ़िरोज़ाबाद – 345 पद
  • गौतम बुद्ध नगर – 133 पद
  • गाज़ीपुर – 290 पद
  • गोंडा – 243 पद
  • गोरखपुर – 418 पद
  • एटा – 169 पद
  • इटावा – 11 पद
  • हमीरपुर – 164 पद
  • हापुड़ – 140 पद
  • हाथरस – 189 पद
  • जालौन – 218 पद
  • झाँसी – 290 पद
  • कन्नौज – 138 पद
  • कानपुर देहात – 88 पद
  • कानपुर नगर – 367 पद
  • कासगंज – 323 पद
  • कौशाम्बी – 211 पद
  • खीरी – 487 पद
  • कुशीनगर – 245 पद
  • ललितपुर – 167 पद
  • मैनपुरी – 175 पद
  • महराजगंज – 318 पद
  • महोबा – 156 पद
  • मथुरा – 334 पद
  • मऊ – 208 पद
  • मेरठ – 298 पद
  • मिर्ज़ापुर – 312 पद
  • मुरादाबाद – 151 पद
  • पीलीभीत – 210 पद
  • प्रतापगढ़ – 455 पद
  • मुज़फ्फरनगर – 295 पद
  • रामपुर – 377 पद
  • रायबरेली – 378 पद
  • सहारनपुर – 296 पद
  • संभल – 390 पद
  • श्रावस्ती – 294 पद
  • संत कबीर नगर – 255 पद
  • सीतापुर – 220 पद
  • सुल्तानपुर – 158 पद
  • शाहजहांपुर – 367 पद 
  • शामली – 118 पद
  • सिद्धार्थनगर – 312 पद  
  • वाराणसी -199 पद

सवालों के घेरे में प्रशासन और चयन समिति

Big scam in the name of EWS reservation in Anganwadi recruitment of Uttar Pradesh!भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर अब स्थानीय प्रशासन, जिला चयन समिति और संबंधित ब्लॉक अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

  • क्यों नहीं की गई आवेदन पत्रों की ईमानदारी से जांच?
  • कैसे बन गए फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र?
  • अब तक क्यों नहीं हुई कोई जांच?
  • इसी तरह इस भर्ती प्रक्रिया को लेकरसवाल तो बहुत हैं, लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं।

ईमानदारों के अधिकार पर हमला

Big scam in the name of EWS reservation in Anganwadi recruitment of Uttar Pradesh!गौरतलब हो कि जो महिलाएं वर्षों से इस नौकरी की तैयारी कर रही थीं, वे अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। अगर सरकार और बाल विकास विभाग ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह घोटाला प्रदेश में भ्रष्टाचार की एक नई मिसाल बनकर सामने आएगा।

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