बांका के अमरपुर थाना में गंभीर सुरक्षा चूक, कैदी बिना निगरानी घूमता दिखा… देखें Video
कैदी पर नज़र रखने में नाकामी, वीडियो बनाते पत्रकार से थाना प्रभारी की बदसलूकी, मिली हाजत में बंद करने की धमकी
- बांका के अमरपुर थाना में गंभीर सुरक्षा चूक, कैदी बिना निगरानी घूमता दिखा… देखें Video
- कैदी पर नज़र रखने में नाकामी, वीडियो बनाते पत्रकार से थाना प्रभारी की बदसलूकी, मिली हाजत में बंद करने की धमकी
रिपोर्ट : अमित कुमार, अमरपुर, बांका (बिहार) : बांका जिला के अमरपुर थाना में सुरक्षा व्यवस्था की भारी चूक सामने आई है। एक कैदी को बिना किसी पुलिसकर्मी की निगरानी के थाना परिसर में खुलेआम घूमते और ऑटो में बैठते देखा गया। इस लापरवाही पर जब पत्रकार ने वीडियो बनाना शुरू किया, तो थाना प्रभारी खुद पत्रकार से उलझ पड़े और उसे थाने से बाहर निकालने व हाजत में बंद करने की धमकी दी।
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बिहार के बांका जिले में स्थित अमरपुर थाना इन दिनों चर्चा में है, लेकिन वजह बेहद चिंताजनक है। थाना परिसर में एक कैदी को हथकड़ी के साथ आराम से बाइक पर बैठे और फिर ऑटो में जाते देखा गया, लेकिन इस दौरान कोई भी पुलिसकर्मी उसके साथ मौजूद नहीं था।
कैदी फरार हो सकता था
सवाल यह उठता है कि जब एक कैदी के हाथ में हथकड़ी बंधी है, तो वह बिना सुरक्षा के परिसर में कैसे घूम रहा है? इस लापरवाही का कोई फायदा उठाकर कैदी फरार हो सकता था, जिससे एक बड़ी प्रशासनिक चूक हो सकती थी।
पत्रकार से बदसलूकी
जब इस पूरी घटना का वीडियो न्यूज़21 के पत्रकार द्वारा बनाया गया, तो थाना प्रभारी को इसकी भनक लग गई। इसके बाद थाना प्रभारी पत्रकार से उलझ पड़े और बदसलूकी करते हुए उसे थाने से बाहर जाने को कहा। इतना ही नहीं, उन्होंने हाजत में बंद करने की धमकी तक दे डाली।
“बड़ा बाबू का माथा गर्म है”
पत्रकार को बाहर निकालने के लिए एक सिपाही आया और कहा, “थाना से निकल जाइए, बड़ा बाबू का माथा गर्म है।” यह बयान साफ दिखाता है कि थाने के अंदर पत्रकारों और आम जनता से कैसा व्यवहार किया जाता है और कैसे जिम्मेदार अधिकारियों के गुस्से को ढाल बना कर असली मुद्दों से ध्यान हटाया जाता है।
प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल
अब तक इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। न ही कैदी को बिना निगरानी छोड़ने की गलती को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है।
गौरतलब हो कि एक ओर जहां कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात होती है, वहीं दूसरी ओर थाने के अंदर ही ऐसी लापरवाहियां और अभद्र व्यवहार चिंता का विषय हैं। अगर समय रहते ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आम जनता का भरोसा कमजोर करने का काम करेगा।
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