सेल टैक्स एडवोकेट अशोक कंसल बने बुलंदशहर के पहले देहदानी, मृत्यु उपरांत शरीर दान कर मानवता को दी अमूल्य प्रेरणा

महर्षि विदुर मेडिकल कॉलेज, बिजनौर को सौंपा गया पार्थिव शरीर; दधीचि देहदान समिति के माध्यम से देहदान की ऐतिहासिक पहल

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  • महर्षि विदुर मेडिकल कॉलेज, बिजनौर को सौंपा गया पार्थिव शरीर; दधीचि देहदान समिति के माध्यम से देहदान की ऐतिहासिक पहल

रिपोर्ट : हिमांशु शर्मा : बुलंदशहर। 75 वर्षीय सेल टैक्स एडवोकेट अशोक कंसल ने अपने निधन के उपरांत चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए अपने शरीर का दान कर बुलंदशहर जिले के पहले देहदानी बनने का गौरव प्राप्त किया।

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Cell tax advocate Ashok Kansal became the first body of Bulandshahr, after death, donated body and gave invaluable inspiration to humanity
फ़ोटो : अशोक कंसल का पार्थिव शरीर दधीचि देहदान समिति के माध्यम से मेडिकल कॉलेज को सौंपते परिजन व समिति सदस्य

मोतीबाग स्थित कुंज गली के निवासी अशोक कंसल का 19 मई 2025 को हृदयाघात से निधन हो गया। सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले अशोक कंसल, भारत विकास परिषद की गौरव शाखा से भी वर्षों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे। निधन से कुछ घंटे पूर्व भी वे परिषद के एक अधिष्ठापन कार्यक्रम में सहभागी रहे थे।

दधीचि देहदान समिति के बुलंदशहर इकाई द्वारा संचालित देहदान अभियान में 2019-20 में जुड़कर अशोक कंसल ने सपरिवार देहदान का संकल्प लिया था। 2020 में आयोजित सम्मान समारोह में उन्हें संकल्पकर्ता के रूप में मंच पर सम्मानित भी किया गया था।

उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, उनकी पत्नी श्रीमती मंजू कंसल और विदेश में सेवारत पुत्र की सहमति से उनका पार्थिव शरीर महर्षि विदुर ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज, बिजनौर को सौंपा गया। यह मेडिकल कॉलेज में शरीर रचना विज्ञान (एनाटॉमी) और चिकित्सा विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण संसाधन बनकर उपयोग होगा।

Cell tax advocate Ashok Kansal became the first body of Bulandshahr, after death, donated body and gave invaluable inspiration to humanityराष्ट्र चेतना मिशन के अध्यक्ष हेमंत सिंह ने जानकारी दी कि शरीर का यह दान भविष्य के चिकित्सकों के लिए प्रथम गुरु के समान है, जो उन्हें जीवन रक्षक ज्ञान से संपन्न करेगा।

महान पुण्य कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने में योगदान देने वालों में सीए मनीष मांगलिक, प्रो. सतीश गर्ग, वीरेंद्र सक्सेना, डॉ. पंकज गर्ग, राजीव कुमार, डॉ. अनलजीत सिंह (मोदीनगर संयोजक), हेमंत सिंह (अध्यक्ष, राष्ट्र चेतना मिशन) की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

परिजनों, मित्रों, नगरवासियों और गणमान्यजनों ने अशोक कंसल की इस अद्वितीय मानव सेवा को नमन किया और इसे समाज के लिए प्रेरणादायक मिसाल बताया।

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