भागलपुर स्मार्ट सिटी: समस्याओं के अंबार पर चिंतन, समाधान के लिए गांधीवादी सोच की वकालत
गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र की बैठक में भागलपुर नगर निगम की बदहाल व्यवस्था पर हुई गंभीर चर्चा, चार जोन में समस्याएं संकलित कर समेकित मांग पत्र सौंपने की योजना
- भागलपुर स्मार्ट सिटी: समस्याओं के अंबार पर चिंतन, समाधान के लिए गांधीवादी सोच की वकालत
- गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र की बैठक में भागलपुर नगर निगम की बदहाल व्यवस्था पर हुई गंभीर चर्चा, चार जोन में समस्याएं संकलित कर समेकित मांग पत्र सौंपने की योजना
रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर को स्मार्ट सिटी घोषित हुए 9 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन शहर अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। 27 मई को गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर की ओर से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें नगर की समस्याओं और उनके समाधान पर गहन चर्चा हुई।
यह भी पढ़ें : बहराइच: आगनबाड़ी केंद्रों में 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने खुलकर शहर की बदहाली पर चर्चा की और कहा कि भागलपुर की स्थिति चिंताजनक है। शहर सफाई, जल आपूर्ति और सड़कों की समस्या से ग्रस्त है।
बैठक में उठाए गए यह मुद्दे :
सहायक सड़कों पर तीन श्रेणियों में टैक्स लिया जाता है, लेकिन सुविधाएं नदारद हैं।
- 28 मई 2016 को स्मार्ट सिटी घोषित होने के बावजूद आज तक एक भी सड़क पूर्ण नहीं हुई।
- नालों की निकासी की व्यवस्था नहीं है, जलभराव आम समस्या है।
- सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
- जल आपूर्ति की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।
बैठक में यह बात सामने आई कि इन समस्याओं का समाधान केवल गांधीवादी सोच से ही संभव है। उपस्थित जनों ने संकल्प लिया कि जनता को संगठित कर ऐसी परिस्थिति बनाई जाए कि प्रशासन को आम लोगों की बात सुनने के लिए स्वयं आगे आना पड़े।
बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय
- भागलपुर नगर क्षेत्र को चार जोन में बांटा जाएगा।
- हर जोन की समस्याओं का संकलन कर समेकित मांग पत्र नगर निगम व जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा।
- इसके लिए एक उप-समिति गठित की गई, जिसके संयोजक डॉ. मनोज कुमार बनाए गए।
बैठक में कई बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और नगरवासी शामिल रहे, जिन्होंने मिलकर शहर की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयास करने का संकल्प लिया।
यह भी पढ़ें : बहराइच: आगनबाड़ी केंद्रों में 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित