प्रयागराज: हाईकोर्ट की फटकार के बाद एसआरएन अस्पताल में बड़ी कार्रवाई, उप अधीक्षक समेत चार कर्मी निलंबित

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर सख्त इलाहाबाद हाई कोर्ट, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने भेजा निलंबन आदेश

  • प्रयागराज: हाईकोर्ट की फटकार के बाद एसआरएन अस्पताल में बड़ी कार्रवाई, उप अधीक्षक समेत चार कर्मी निलंबित
  • स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर सख्त इलाहाबाद हाई कोर्ट, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने भेजा निलंबन आदेश

रिपोर्ट : राजीव कृष्ण श्रीवास्तव : प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन), प्रयागराज की अव्यवस्थाओं को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को अस्पताल के उप अधीक्षक गौतम त्रिपाठी, स्टाफ नर्स रंजना लुईस, सफाई निरीक्षक अमरनाथ यादव को निलंबित, और पुरुष नर्स मनोज कुमार की संविदा समाप्त कर दी गई है।

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कोर्ट के आदेश के बाद हड़कंप

Prayagraj: After the rebuke of the High Court, major action in SRN Hospital, four personnel including Deputy Superintendent suspended

30 मई को हुई सुनवाई में अदालत ने अस्पताल में फैली लापरवाही, कमीशनखोरी और खराब व्यवस्था पर गहरी नाराज़गी जताई थी। कोर्ट ने उप अधीक्षक गौतम त्रिपाठी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई थी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय हरकत में आया और मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को निलंबन संबंधी आदेश जारी किया।

ई-मेल से भेजा गया तत्काल आदेश

शुक्रवार दोपहर को कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा को महानिदेशालय से ई-मेल पर आदेश प्राप्त हुआ, जिसमें चारों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया।

उन्होंने तत्परता दिखाते हुए आदेश स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरबी कमल को भेज दिया है ताकि तत्काल प्रभाव से निलंबन और संविदा समाप्ति की प्रक्रिया पूरी की जा सके।

जांच रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए

Prayagraj: After the rebuke of the High Court, major action in SRN Hospital, four personnel including Deputy Superintendent suspended

  • गौतम त्रिपाठी को अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं के लिए जांच अधिकारी ने सीधे दोषी ठहराया।
  • रंजना लुईस के वार्ड में निरीक्षण के दौरान फटी और गंदी चादरें पाई गईं।
  • मनोज कुमार, जो संविदा पर कार्यरत नर्स थे, उनकी लापरवाही शाम की शिफ्ट में उजागर हुई।
  • अमरनाथ यादव, सफाई निरीक्षक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का पालन सही तरीके से नहीं कर पाए।

“महानिदेशालय से प्राप्त आदेश का सख्ती से पालन कराया जाएगा। चारों कर्मियों की भूमिका जांच में संदिग्ध पाई गई है। अस्पताल की छवि सुधारने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी था।”——-प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा

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