मेडिकल कॉलेज सभागार में हुआ गोभक्त महिला सम्मेलन, देसी गाय के संरक्षण पर दिया गया जोर

विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा विभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाओं ने लिया भाग, देसी गाय के महत्व पर हुई विस्तृत चर्चा

  • मेडिकल कॉलेज सभागार में हुआ गोभक्त महिला सम्मेलन, देसी गाय के संरक्षण पर दिया गया जोर
  • विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा विभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाओं ने लिया भाग, देसी गाय के महत्व पर हुई विस्तृत चर्चा

 पुंडरीक पीके पांडेय : बहराइच। मेडिकल कॉलेज सभागार में विश्व हिंदू परिषद के गो रक्षा विभाग द्वारा भव्य गोभक्त महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और देसी गाय के संरक्षण, संवर्धन एवं महत्व पर जागरूकता प्राप्त की।

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Gobhakta Women's Conference held in Medical College Auditorium, emphasis on conservation of desi cow

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में देसी गायों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना था। मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और राष्ट्रीय अध्यक्ष – गोवंश संरक्षण संवर्धन परिषद – डॉ. गुरु प्रसाद सिंह ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देसी गाय न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि उसका वैज्ञानिक और औषधीय महत्व भी अत्यंत विशाल है।

उन्होंने कहा कि देसी गाय का दूध, गोमूत्र और गोबर – तीनों आयुर्वेद में अमूल्य माने गए हैं। साथ ही उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे अपने घरों में देसी गाय पालें, पंचगव्य उत्पादों का उपयोग करें और अगली पीढ़ी को भी इसके महत्व से परिचित कराएं।

क्षेत्रीय गौ रक्षा प्रमुख पूरन जी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया और गौ माता की सेवा को जीवन का धर्म बताया। उन्होंने बताया कि महिलाएं गौ सेवा और प्रचार की सबसे मजबूत कड़ी बन सकती हैं, क्योंकि वे परिवार की रीढ़ होती हैं और उनके द्वारा शुरू किया गया कोई भी अभियान समाज में दूरगामी प्रभाव डालता है।

सम्मेलन की खास बातें

  • देसी गाय के वैज्ञानिक गुणों पर आधारित प्रस्तुति दी गई।
  • महिला प्रतिभागियों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए।
  • गौ आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
  • गोसेवा और पंचगव्य उत्पादों से आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा दी गई।

Gobhakta Women's Conference held in Medical College Auditorium, emphasis on conservation of desi cowगौरतलब हो कि यह सम्मेलन गौ रक्षा आंदोलन को नई ऊर्जा देने वाला साबित हुआ, विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान और भी व्यापक रूप से समाज में फैल सकता है। आयोजकों ने महिलाओं को प्रेरित किया कि वे देसी गाय के संरक्षण में आगे आएं और ‘ग्राम से शहर तक’ इस पुनीत कार्य को जन आंदोलन बनाएं।

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