कटनी महिला थाने में पत्रकार से बदसलूकी पर मचा बवाल, इंस्पेक्टर ने हाथ जोड़कर मांगी माफी

कवरेज के दौरान 'थाना तुम्हारे बाप का है क्या?' कहने पर भड़के पत्रकार, एकजुट होकर की कार्रवाई की मांग

  • कटनी महिला थाने में पत्रकार से बदसलूकी पर मचा बवाल, इंस्पेक्टर ने हाथ जोड़कर मांगी माफी
  • कवरेज के दौरान ‘थाना तुम्हारे बाप का है क्या?’ कहने पर भड़के पत्रकार, एकजुट होकर की कार्रवाई की मांग

विजय कुमार पटेल : कटनी : मध्यप्रदेश। कटनी जिले के महिला थाना क्षेत्र में कवरेज कर रहे एक पत्रकार के साथ थानेदार द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी पर बवाल मच गया। घटना उस वक्त हुई जब एक पत्रकार किसी मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने थाने पहुंचा। तभी थाने में तैनात एक इंस्पेक्टर ने पत्रकार से कहा, “थाना तुम्हारे बाप का है क्या?” इस पर पत्रकार ने भी बेझिझक जवाब दिया, “अगर थाना आपके बाप का है तो रजिस्ट्री दिखा दो।”

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In Katni Mahila police station, there was a ruckus from the journalist on the misbehavior, the inspector asked for an apology with folded hands ... see VIDEO
फोटो : पत्रकारों से हाथ जोड़कर माफी मांगते इंस्पेक्टर

पत्रकार और इंस्पेक्टर के बीच हुई यह तीखी नोकझोंक देखते ही देखते मीडिया बिरादरी में गुस्से की लहर बन गई। कटनी के विभिन्न पत्रकार संगठन एकजुट होकर थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर से सार्वजनिक माफी की मांग की। इसके बाद इंस्पेक्टर को अंतत: माफी मांगनी पड़ी।

पत्रकारों ने दिखाई एकता, इंस्पेक्टर ने माफी मांगी

मामले को गंभीर होता देख, संबंधित इंस्पेक्टर को पत्रकारों के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगनी पड़ी। हालांकि पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि “माफ़ी तो एक पहल है, लेकिन हम भविष्य में भी ऐसे व्यवहार के खिलाफ एकजुट रहेंगे।”

मांग उठी – हो सख्त कार्रवाई

पत्रकार संगठनों ने कहा कि यह केवल एक पत्रकार का नहीं, मीडिया की स्वतंत्रता का अपमान है। ऐसे अफसरों के खिलाफ प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि आगे कोई पत्रकार के साथ अभद्रता न कर सके।

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार

In Katni Mahila police station, there was a ruckus from the journalist on the misbehavior, the inspector asked for an apology with folded hands ... see VIDEOवरिष्ठ पत्रकारों ने इस घटना को लेकर प्रशासन से अपेक्षा की है कि पुलिस अधिकारियों को मीडिया से संवाद करते समय संवेदनशील और मर्यादित व्यवहार रखना चाहिए। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, और उन्हें अपमानित करना स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला है।

कटनी में महिला थाना परिसर में पत्रकार से हुई अशोभनीय टिप्पणी ने पुलिस और प्रेस के रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि माफ़ी मांगकर मामला शांत हो गया है, लेकिन यह प्रकरण फिर से पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर बहस छेड़ गया है।

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