उपभोक्ता आयोग का ऐतिहासिक फैसला: विद्युत विभाग पर 50 हजार का जुर्माना, उपभोक्ता को मिला न्याय

बहराइच की ऊषा देवी ने बिजली बिल की गड़बड़ी के खिलाफ लड़ी कानूनी लड़ाई, जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया निर्णायक आदेश

  • उपभोक्ता आयोग का ऐतिहासिक फैसला: विद्युत विभाग पर 50 हजार का जुर्माना, उपभोक्ता को मिला न्याय
  • बहराइच की ऊषा देवी ने बिजली बिल की गड़बड़ी के खिलाफ लड़ी कानूनी लड़ाई, जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया निर्णायक आदेश

अजय पाठक : बहराइच। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बहराइच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में विद्युत विभाग की लापरवाही के खिलाफ उपभोक्ता को न्याय दिलाया है। मोहल्ला गुदड़ी निवासी श्रीमती ऊषा देवी द्वारा अधिशासी अभियन्ता, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. बहराइच के विरुद्ध दायर वाद में आयोग ने 50,000 रुपये क्षतिपूर्ति और 5,000 रुपये वाद व्यय का भुगतान करने का आदेश सुनाया है।

यह भी पढ़ें : पारदर्शी आबकारी नीति से युवाओं को मिला रोजगार: श्रावस्ती में बोले आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल

बिल की त्रुटियों पर हुआ वाद दर्ज

Consumer Commission's historic decision: 50 thousand fine on Electricity Department, consumer gets justic
फोटो : सांकेतिक

ऊषा देवी ने वर्ष 2017 में उपभोक्ता फोरम में वाद संख्या 41/2017 दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने त्रुटिपूर्ण बिजली बिल को निरस्त करने, पूर्व में जमा 10,000 रुपये का समायोजन करने और मीटर बदलवाने की मांग की थी।

न्यायालय का स्पष्ट आदेश

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र भारती व सदस्य डॉ. मोनिका प्रियदर्शिनी ने 9 जून 2025 को आदेश पारित करते हुए विद्युत विभाग को निर्देशित किया कि—

  • फिक्स्ड चार्ज के अनुसार संशोधित बिल तैयार कर ऊषा देवी को दिया जाए।
  • जमा 10,000 रुपये का समायोजन नए बिल में किया जाए।
  • बिजली कनेक्शन चालू कर ऊषा देवी के नाम ट्रांसफर किया जाए।
  • मानसिक उत्पीड़न के एवज में 50,000 रुपये क्षतिपूर्ति और 5,000 रुपये वाद व्यय अदा किया जाए।

ब्याज सहित भुगतान का आदेश

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि 50,000 रुपये की राशि पर वाद दायर किए जाने की तिथि से लेकर भुगतान की तिथि तक 6% वार्षिक ब्याज देय होगा। अगर विभाग एक महीने के भीतर भुगतान नहीं करता है तो उसे 7% वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।

यह निर्णय उन उपभोक्ताओं के लिए प्रेरणा है जो अक्सर बिजली विभाग की गलतियों के कारण अनावश्यक परेशानी का सामना करते हैं। यह फैसला साबित करता है कि यदि आप अपनी बात को सही ढंग से रखें और कानून का सहारा लें तो न्याय अवश्य मिलता है।

यह भी पढ़ें : पारदर्शी आबकारी नीति से युवाओं को मिला रोजगार: श्रावस्ती में बोले आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल