उर्वरक की कालाबाज़ारी और ओवररेटिंग पर अब नहीं चलेगा खेल, बहराइच डीएम ने दिए सख्त निर्देश
खरीफ सीजन में खाद के दाम से लेकर स्टॉक तक पर रखी जाएगी सख्त नजर, दोषी पाए जाने पर होगी कठोर कार्रवाई
- उर्वरक की कालाबाज़ारी और ओवररेटिंग पर अब नहीं चलेगा खेल, बहराइच डीएम ने दिए सख्त निर्देश
- खरीफ सीजन में खाद के दाम से लेकर स्टॉक तक पर रखी जाएगी सख्त नजर, दोषी पाए जाने पर होगी कठोर कार्रवाई
अतुल त्रिपाठी : बहराइच। खरीफ सीजन में फसल बोआई की तैयारी तेज है और इसी के साथ नत्रजनिक व फास्फेटिक उर्वरकों की मांग भी बढ़ रही है। ऐसे में कालाबाज़ारी, ओवररेटिंग और तस्करी जैसी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कड़ा रुख अपनाया है।

कलेक्ट्रेट में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम ने जिला कृषि अधिकारी और ए.आर. को-ऑपरेटिव को निर्देश दिए कि सभी उर्वरक बिक्री केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और किसानों को निर्धारित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
अब नहीं चलेगा ओवररेटिंग का खेल
डीएम मोनिका रानी ने साफ कहा कि यूरिया, डीएपी, एनपीके और एमओपी जैसे मुख्य उर्वरकों की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से ऊपर बिक्री पाए जाने पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अगर कोई विक्रेता किसानों को खाद के साथ कम प्रचलित उत्पाद या अन्य सामान खरीदने के लिए बाध्य करता है, तो उस पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एमएफएमएस पोर्टल से निगरानी और जांच
- हर माह टॉप-20 खरीदारों की सूची की जांच कराई जाएगी।
- संदिग्ध लेन-देन या ज्यादा खरीद करने वालों पर टीम गठित कर जांच होगी।
- सत्यापन रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करना सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।
विक्रेताओं के लिए अनिवार्य व्यवस्था
- हर उर्वरक विक्रेता को स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर और रसीद रखना होगा।
- दुकान पर रेट बोर्ड और स्टॉक बोर्ड पर हर दिन अपडेट करना अनिवार्य होगा।
- खाद केवल POS मशीन से खतौनी देखकर ही बेची जाएगी
अवैध बिक्री व तस्करी पर होगी कार्रवाई

डीएम ने कहा कि यदि कोई विक्रेता खाद की जमाखोरी, कालाबाज़ारी, अधोमानक या टैगिंग उत्पाद बेचता पाया जाता है, तो उस पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।