कहलगांव में दिल दहला देने वाली वारदात: पति ने पत्नी को ज़िंदा जलाया, मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत
सनोखर गांव की घटना, दो मासूम बच्चों की माँ थीं कंचन—पिता ने की कठोर कानूनी कार्रवाई की माँग
- कहलगांव में दिल दहला देने वाली वारदात: पति ने पत्नी को ज़िंदा जलाया, मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत
- सनोखर गांव की घटना, दो मासूम बच्चों की माँ थीं कंचन—पिता ने की कठोर कानूनी कार्रवाई की माँग
रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर ज़िले के कहलगांव अनुमंडल के महेशखोर थाना क्षेत्र स्थित सनोखर गांव में 22 जून 2025 को इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना घटी। भवानीपुर की रहने वाली 30‑वर्षीय कंचन देवी को उनके पति कैलाश हरी ने नशे की हालत में पहले पीटा, हाथ तोड़ा और फिर केरोसिन छिड़क कर आग लगा दी। गंभीर रूप से झुलसी कंचन ने 3 जुलाई 2025 की सुबह भागलपुर के मायागंज अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना ने पूरे इलाके को दहशत और ग़ुस्से से भर दिया है।
पति की बर्बरता ने छीन ली ज़िंदगी
पिता का दर्द– “कर्ज चुकाता रहा, पर बेटी न बची”
मृतका के पिता ने रोते हुए बताया, “मैंने दामाद के कर्ज कई बार चुकाए, लेकिन वह सुधरने के बजाय और हिंसक होता गया। आज मेरी तीसरी संतान की जान ले ली गई।” वे साफ कहते हैं कि यह सीधी‑सी हत्या है और वे कठोर सज़ा चाहते हैं।
आरोपी की सफ़ाई
कैलाश हरी ने पुलिस को दिए बयान में दावा किया कि उसे नहीं पता कंचन कैसे जल गई। “मैं तो आग लगी हालत में उसे अस्पताल लाया,” उसने कहा। हालांकि परिजन आरोपों को बेबुनियाद बताने की इस कोशिश को मानने को तैयार नहीं हैं।
पुलिस की कार्रवाई अब तक धीमी
महेशखोर थाना पुलिस का अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। परिवार ने अब तक लिखित शिकायत नहीं दी है, मगर वे जल्दी ही प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। गाँव में लोग घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और त्वरित न्याय की माँग कर रहे हैं।
गाँव में पसरा मातम
सनोखर गाँव में कंचन की मौत से मातम पसरा है। दो छोटे बच्चों (5 और 7 साल) की मासूम आँखों से माँ का आँचल छिन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों पर सख़्त लगाम ज़रूरी है, वरना ऐसे दर्दनाक हादसे रुकेंगे नहीं।
कंचन देवी की त्रासद मौत ने एक बार फिर यह उजागर कर दिया कि नशे, घरेलू हिंसा और लचर कानून‑प्रक्रिया का घातक मिश्रण कितनी जानें तबाह कर सकता है। पीड़ित परिवार को न्याय और बच्चों को भविष्य सुरक्षित करने के लिए त्वरित पुलिस कार्रवाई व कठोर न्यायिक निर्णय वक्त की माँग है।