ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरे कृष्ण द्विवेदी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, बोले– “मैं नाम और गांव के विकास के लिए करता हूँ प्रधानी”
दलित बस्ती में जाकर दिखाई विकास की झलक, कहा– “पैसे की कमी नहीं, सेवा ही मेरा उद्देश्य”
- ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरे कृष्ण द्विवेदी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, बोले– “मैं नाम और गांव के विकास के लिए करता हूँ प्रधानी”
- दलित बस्ती में जाकर दिखाई विकास की झलक, कहा– “पैसे की कमी नहीं, सेवा ही मेरा उद्देश्य”
रिपोर्ट: बाबूलाल सक्सेना : गोरखपुर। स्थानीय राजनीति में इन दिनों चर्चा का केंद्र बने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरे कृष्ण द्विवेदी ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों का सख्त लहजे में खंडन किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानी उनके लिए कोई धंधा नहीं, बल्कि गांव के सम्मान और सेवा का माध्यम है। मीडिया के सामने अपने परिवार, काम और नीयत का हवाला देते हुए उन्होंने इन आरोपों को “पूर्व नियोजित साजिश” बताया।
आरोपों पर दो टूक प्रतिक्रिया
पारिवारिक पृष्ठभूमि से दी विश्वसनीयता की मिसाल
उन्होंने यह भी बताया कि वे एक स्कूल के प्रिंसिपल हैं और उनके परिवार में डॉक्टर और इंजीनियर हैं। उन्होंने कहा, “हमारे घर में पैसे की कोई कमी नहीं है। मैं प्रधानी नाम के लिए और गांव के लोगों की सेवा के लिए करता हूँ।”
दलित बस्ती में जाकर दिखाई जमीनी हकीकत
आरोपों के बीच ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने दलित बस्ती में पहुंचकर लोगों से सीधा संवाद किया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि हरे कृष्ण द्विवेदी हमेशा ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं और गांव में सड़कों, नालियों, शौचालय निर्माण और पानी की व्यवस्था को बेहतर किया है।
मीडिया के सामने रखा पक्ष
अपने बयान में उन्होंने स्पष्ट कहा “मैंने हर बार विकास को प्राथमिकता दी है, राजनीति नहीं। गांव को आदर्श बनाना मेरी जिम्मेदारी है।”
आरोपों और खंडन के इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरे कृष्ण द्विवेदी ने पूरी पारदर्शिता से अपना पक्ष रखा है। उनकी पारिवारिक स्थिति, सामाजिक योगदान और लोगों की राय उनके पक्ष में दिखती है। हालांकि, कुछ लोगों की नाराजगी और विरोध भी सामने आ रहा है, जिसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा माना जा सकता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासनिक स्तर पर कोई जांच होती है या यह विवाद वहीं शांत हो जाता है।