बहराइच: फर्जी पत्रकार गैंग ने पायल बेचने को किया मजबूर, गरीब महिला से ₹1500 की वसूली, थाना पयागपुर में दी गई तहरीर

सतपीडिया गांव में फर्जी पत्रकारों के गिरोह ने ‘समस्या समाधान’ के नाम पर की ठगी, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनियों के बावजूद बेलगाम हैं फर्जी पत्रकार

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  • सतपीडिया गांव में फर्जी पत्रकारों के गिरोह ने ‘समस्या समाधान’ के नाम पर की ठगी, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनियों के बावजूद बेलगाम हैं फर्जी पत्रकार

महेश अग्रवाल : पयागपुर : बहराइच। बहराइच जिले के पयागपुर थाना क्षेत्र में फर्जी पत्रकारों के गिरोह द्वारा गरीब और पीड़ित लोगों से वसूली किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गांव की एक महिला ने पायल बेचकर ₹1500 एक कथित पत्रकार को दिए, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। पीड़िता ने अब थाने में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।

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Bahraich: Fake journalist gang forced to sell anklets, recovery ₹ 1500 from poor woman, Tahrir given in police station Payagpur ... Watch VIDEO
फोटो : पीड़ित युवक

पयागपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सतपीडिया की निवासी मुक्त बोगी ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उसके घर में काफी समय से नाली की समस्या बनी हुई थी। कई जगह गुहार लगाने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं हुआ, तो एक दिन एक व्यक्ति उसके पास आया और खुद को एक प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक समाचार पत्र का तहसील संवाददाता बताया।

व्यक्ति ने दावा किया कि वह उसकी समस्या को जल्द हल करवा देगा, लेकिन इसके लिए ₹1500 का खर्च बताया। मजबूरी में मुक्त बोगी ने अपनी पायल बेचकर ₹1500 जुटाए और पास के एक मोबाइल दुकान से यह रकम अंकित पांडे नामक व्यक्ति के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा दी।

पीड़िता ने बताया कि उस समय तीन लोग शामिल थे, जो मिलकर खुद को पत्रकार बताकर वसूली कर रहे थे। लेकिन भुगतान के बाद भी उसकी नाली की समस्या का कोई हल नहीं हुआ और आरोपितों ने बाद में फोन उठाना भी बंद कर दिया।

सिर्फ मुक्त बोगी ही नहीं, सतपीडिया गांव के ही भींगुरी निवासी सोनू मौर्य पुत्र तिलकराम ने भी यही आरोप लगाते हुए कहा कि इन फर्जी पत्रकारों का गैंग ग्रामीणों से पैसे लेकर ठगी कर रहा है।

इस संबंध में जब थाना पयागपुर के प्रभारी निरीक्षक करुणाकर पांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक इस विषय में उन्हें कोई तहरीर नहीं प्राप्त हुई है। यदि तहरीर मिलती है तो मामले की जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन पर सवाल

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और शासन-प्रशासन द्वारा फर्जी पत्रकारों को लेकर लगातार सख्ती बरती जा रही है। इसके बावजूद ऐसे गिरोह गांव-गांव घूमकर भोली-भाली जनता से वसूली कर रहे हैं। न कोई वैध प्रेस कार्ड, न कोई प्रमाण — सिर्फ ‘समस्या समाधान’ के नाम पर शोषण।

पीड़िता की मांग

Bahraich: Fake journalist gang forced to sell anklets, recovery ₹ 1500 from poor woman, Tahrir given in police station Payagpur ... Watch VIDEOभुक्त भोगी ने थाना अध्यक्ष से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और गरीब ऐसे जालसाजों का शिकार न बने।

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