भागलपुर में गंगा का कहर: ममलखा गांव में भीषण कटाव, कई घर नदी में समाए

प्रशासनिक उदासीनता पर ग्रामीणों में रोष, वोट बहिष्कार की चेतावनी; बीजेपी नेता दिलीप मिश्रा और चीफ इंजीनियर ने किया कटाव स्थल का निरीक्षण

  • भागलपुर में गंगा का कहर: ममलखा गांव में भीषण कटाव, कई घर नदी में समाए
  • प्रशासनिक उदासीनता पर ग्रामीणों में रोष, वोट बहिष्कार की चेतावनी; बीजेपी नेता दिलीप मिश्रा और चीफ इंजीनियर ने किया कटाव स्थल का निरीक्षण

रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर, बिहार। भागलपुर जिले में गंगा नदी का रौद्र रूप इस बार न केवल बाढ़ के रूप में, बल्कि विकराल कटाव के रूप में भी सामने आया है। ममलखा गांव में गंगा नदी का तेज़ कटाव लगातार गांव को निगल रहा है। अब तक कई घर नदी में समा चुके हैं, और स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

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Ganga havoc in Bhagalpur: Severe erosion in Malkha village, many houses are absorbed in river

कटाव की भयावह तस्वीरें देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं। स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस इंतज़ाम नहीं किए गए हैं। खाना-पूर्ति के नाम पर केवल बोरियों में मिट्टी भरकर पानी में फेंका जा रहा है, जो पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है।

कटाव पीड़ित एक महिला ने बताया कि “अगर प्रशासन हमारा गांव नहीं बचाता, तो इस बार हम सब वोट का बहिष्कार करेंगे। हमसे हमारे घर छीन लिए गए, अब और चुप नहीं रहेंगे।”

कटाव की गंभीर स्थिति को देखते हुए आज बीजेपी नेता दिलीप मिश्रा ममलखा गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से मिलकर हालात का जायज़ा लिया और कटाव स्थल पर मौजूद चीफ इंजीनियर अनवर जमील से काम में तेजी लाने की मांग की।

बीजेपी नेता दिलीप मिश्रा ने कहा “गांव को बचाना हमारी प्राथमिकता है, और मैं हर स्तर पर प्रशासन से इसकी मांग करूंगा कि त्वरित और कारगर कार्रवाई हो।”

गांव को बचाने के प्रयास जारी

कटाव निरोधी कार्य की निगरानी कर रहे चीफ इंजीनियर अनवर जमील ने बताया कि गंगा में जलस्तर काफी बढ़ गया है, फिर भी गांव को बचाने के प्रयास जारी हैं। “स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हमारी पूरी टीम पूरी क्षमता से काम कर रही है। जल्द ही और ठोस कदम उठाए जाएंगे।”

Ganga havoc in Bhagalpur: Severe erosion in Malkha village, many houses are absorbed in riverवहीं यह सवाल अब ज़ोर पकड़ रहा है कि जब ममलखा गांव में पिछले कई वर्षों से कटाव हो रहा है, तो समय रहते निरोधात्मक कार्य क्यों नहीं किए गए? क्या हर बार बाढ़ आने के बाद मिट्टी की बोरियां डालना ही योजना है?

गंगा की गोद में बसा ममलखा गांव अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। प्रशासन, राजनेताओं और इंजीनियरों की ओर से किए गए प्रयास कितने प्रभावी होते हैं, यह आने वाला समय बताएगा।

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