आजीवन कारावास की सज़ा काट रहें छह कैदियों की समय पूर्व होंगी रिहाई, सेंटेंस रिव्यू बोर्ड मीटिंग के बाद LG ने दी मंजूरी
आजीवन कारावास की सज़ा पाएं 6 दोषियों की सज़ा की अवधि माफ़ करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद दिल्ली के तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों के अधिकारियों को दोषियों द्वारा व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करने पर तत्काल रिहाई का निर्देश दिया गया है। किसने कहा गया है कि यदि दोषी की रिहाई की तारीख तक उसके संज्ञान में कोई रिपोर्ट लाई गई है तो मामले को सेंटेंस रिव्यू बोर्ड को वापस भेजा जाना चाहिए।
आजीवन कारावास की सजा काट रहे छह कैदियों की समय पूर्व होंगी रिहाई , सेटिंग्स रिव्यू बोर्ड मीटिंग के बाद LG ने दी मंजूरी
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के विभिन्न 6 जिलों में बंद छह आजीवन कारावास की सज़ा पाएं कैदियों की सज़ा माफ़ करने को मंजूरी दी है।
एलजी सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय के तहत गठित सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की तरफ से की गई सिफारिश पर उपराज्यपाल ने यह निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा आदेश में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 474 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना 24 अप्रैल को आयोजित अपनी बैठक में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की सिफारिश पर आजीवन कारावास की सजा पाएं 6 दोषियों की सजा की अवधि माफ़ करने का आदेश दिया है।
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इस आदेश के बाद दिल्ली के तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों के अधिकारियों को दोषियों द्वारा व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करने पर तत्काल रिहाई का निर्देश दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि यदि दोषी की रिहाई की तारीख तक उसके संज्ञान में कोई रिपोर्ट लाई गई है, तो मामले को सेंटेंस रिव्यू बोर्ड को वापस भेजा जाना चाहिए। आदेश में कहा गया है कि जिन दोषियों की सजा माफ की गई है, वह अगले 2-7 वर्षों में 20 साल की सजा पूरी करेंगे।
सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की अध्यक्षता दिल्ली के गृहमंत्री करते हैं। इस मीटिंग में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के अन्य सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव, महानिदेशक, प्रधान सचिव, प्रधान जिला न्यायाधीश, स्पेशल कमिश्नर एवं निदेशक भी शामिल हुए थे।
दिल्ली के गृह विभाग के मंत्री आशीष सूद का कहना है कि सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने न्याय और पुनर्वास के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मामले को उसके इंडिविजुअल मेरिट के आधार पर जनता से विचार किया है।
वैसे कैदी जिनमें कारावास के दौरान, वास्तविक सुधार और पश्चाताप दिखा है, उनकी समय पूर्व बढ़िया ही के द्वारा हम उन्हें समाज के मुख्य धारा से जुड़ने का एक और मौका देना चाहते हैं।
इसके साथ ही इसे जेल पर भोज को कम करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली के तिहाड़ जेल की कुल क्षमता 10,000 हैं। जबकि वर्तमान में 19,500 कैदी रह रहे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के समय यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग के गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी और जेल में भीड़ कम करने के लिए गरीब 4000 कैदियों को पैरोल पर छोड़ना पड़ा था
आपको बता दें कि इससे पहले सितंबर 2024 में स्टेटस रिव्यू बोर्ड की बैठक हुई थी। तब तत्कालीन आम आदमी पार्टी सरकार ने बोर्ड मीटिंग के बाद 14 दोषियों की समय पूर्व रिहाई की उपराज्यपाल से सिफारिश की थी।
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