जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध, महाभियोग की मांग
बार एसोसिएशन ने जनरल हाउस मीटिंग में उठाई सीबीआई जांच और महाभियोग की मांग
रिपोर्ट : राजीव कृष्ण श्रीवास्तव : प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के तबादले को लेकर कड़ा विरोध जताया है। सोमवार को बुलाई गई जनरल हाउस मीटिंग में 11 प्रस्ताव पास किए गए, जिनमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने और सीबीआई जांच की मांग प्रमुख रही।
यह भी पढ़ें : भागलपुर: आइसक्रीम न देने पर दुकानदार की गोली मारकर हत्या, मचा हड़कंप
बार एसोसिएशन ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करने की बात कही गई। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं और इस मामले में गहन जांच की जरूरत है।
बार एसोसिएशन के 11 अहम प्रस्ताव:
- महाभियोग लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को पत्र लिखा जाएगा।
- जस्टिस यशवंत वर्मा के सभी न्यायिक आदेशों की समीक्षा की जाएगी।
- उनका किसी भी हाईकोर्ट में स्थानांतरण न किया जाए।
- प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई व ईडी से जांच कराई जाए।
- बार एसोसिएशन न्यायपालिका में पारदर्शिता की मांग करता है।
- इलाहाबाद पीठ में भेजे जाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया जाएगा।
- न्यायमूर्ति वर्मा की न्यायिक कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच की मांग।
- भ्रष्टाचार से जुड़े किसी भी न्यायाधीश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- केंद्र सरकार और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से न्यायिक पारदर्शिता की अपील।
- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की मांग।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
न्यायपालिका की पारदर्शिता पर उठाए सवाल
बार एसोसिएशन का कहना है कि जिस तरह से किसी सिविल सर्वेंट, पब्लिक सर्वेंट या राजनेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच होती है, वैसे ही न्यायाधीशों के मामलों की भी उचित जांच होनी चाहिए। एसोसिएशन ने कोलेजियम सिस्टम पर भी सवाल उठाते हुए, उसमें सुधार की जरूरत बताई है।
यह भी पढ़ें : भागलपुर: आइसक्रीम न देने पर दुकानदार की गोली मारकर हत्या, मचा हड़कंप