अरब सागर में जलता रहा मालवाहक जहाज़ “वैन हाई 530”, 28 घंटे बाद भी आग बेकाबू

भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सूरत में 18 करोड़ सदस्यों को सुरक्षित निकालकर मैंगलोर बंदरगाह पहुंचाया है। वहीं तटरक्षक जहाज समर्थ, सचेत और समुद्र प्रहरी की टीमें लोगों की तलाश में जुटी हैं।

अरब सागर में जलता रहा मालवाहक जहाज़ “वैन हाई 530”, 28 घंटे बाद भी आग बेकाबू 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : एर्नाकुलम , केरल।

कोझीकोड के बेपोर से करीब 88 नाॅटिकल मील दूर अरब सागर में मालवाहक जहाज़ “वैन हाई 530” में लगी आग पर 28 घंटे बाद भी काबू नहीं पाया जा सका हैं। जहाज अब भी बेकाबू रूप से जल रहा है।

भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना की संयुक्त कार्यवाही जारी है।

रक्षा पीआरओ अतुल पिल्लई के मुताबिक, घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण डोर्नियर विमान द्वारा किया गया। लेकिन अभी तक लापता चालक दल के सदस्यों का कोई सुराग नहीं मिला हैं।

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ज्वलनशील और जहरीले कंटेनर बना रहे खतरा 

वैन हाई 530 पर 157 कंटेनर है। इनमें से कई ज्वलनशील और जहरीले रसायन मौजूद हैं। इनमें क्लास 3, 4.1, 4.2 और 6 की श्रेणियां के खतरनाक पदार्थ शामिल है। आग लगने के कारण कई कंटेनर समुद्र में गिर गए हैं।

जिनमें विस्फोट की घटनाएं भी सामने आई हैं। इस हादसे को लेकर बीमा धोखाधड़ी और समुद्री अपराध की आशंका भी जताई जा रही हैं। पूर्व तटरक्षक महानिदेशक प्रभाकरन पलेरी का कहना है कि यह भी जांच का विषय है।

कानूनी जांच और दायित्व मरचेंट शिपिंग एक्ट 1958 की धारा 07 के तहत इस तरह की घटनाओं की जांच के अधिकार शिपिंग महानिदेशक के पास है। यदि जहाज के जहरीले अवशेष केरल की 12 नॉटिकल मील सीमा में पहुंचते हैं , तो केवल समुद्री बोर्ड और राज्य सरकार भी कार्रवाई कर सकती हैं।

यदि यह साबित हो जाता है कि दुर्घटना जान-बूझकर कराई गई है, तो कप्तान सहित जिम्मेदार लोगों की गिरफ़्तारी और कंपनी के ख़िलाफ़ आपराधिक मुकदमा संभव है। प्रभाकरन पलेरी ने कहा कि अगर चोर खुद जहाज़ पर है, तो जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएंगी।

जनता को मुआवजा और कानूनी अधिकार

जहाज के कारण होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य नुकसान की स्थिति में जनता को मुआवजा मिल सकता है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि इंग्लैंड में हुए एक जहाज हादसे में भी पीड़ितों को कानून लड़ाई के बाद मुआवजा मिला था।

प्रभाकरन पलेरी ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल की दो जहाज दुर्घटनाओं का विझिंजम पोर्ट के विकास या संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने विझिंजम को  “झुग्गियों के बीच बने भव्य होटल” की संज्ञा दी , जो दुनिया भर के बंदरगाहों के लिए चुनौती बन सकता है। 

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