बहराइच: ऐतिहासिक टेढ़ी नदी के पुनरुद्धार का हुआ शुभारंभ, अधिकारियों और ग्रामीणों ने किया श्रमदान
चित्तौरा झील से निकलकर अयोध्या की सरयू नदी में मिलने वाली कुटिला नदी को फिर से संजीवनी देने की मुहिम शुरू
- बहराइच: ऐतिहासिक टेढ़ी नदी के पुनरुद्धार का हुआ शुभारंभ, अधिकारियों और ग्रामीणों ने किया श्रमदान
- चित्तौरा झील से निकलकर अयोध्या की सरयू नदी में मिलने वाली कुटिला नदी को फिर से संजीवनी देने की मुहिम शुरू
शक्ति सिंह : बहराइच। यूपी के बहराइच जनपद की ऐतिहासिक और पौराणिक टेढ़ी नदी (जिसे कुटिला नदी भी कहा जाता है) के पुनरुद्धार कार्यक्रम का शुभारंभ हुज़ूरपुर विकास खंड के ग्राम गौड़रिया से किया गया। यह नदी चित्तौरा झील से निकलकर 61.4 किमी जनपद में और कुल 232 किमी का सफर तय कर अयोध्या में सरयू नदी में मिलती है।
कार्यक्रम में अधिकारियों ने नदी की सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिकीय महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नदियां सिर्फ जल का स्रोत नहीं बल्कि सभ्यता की धुरी हैं। ये खेती, उद्योग, ऊर्जा, परिवहन, जैव विविधता, पर्यटन और सांस्कृतिक जीवन से सीधा जुड़ी हुई हैं।
टेढ़ी नदी, जो कई वर्षों से उपेक्षा और गंदगी की शिकार रही, अब उसे फिर से जीवंत करने की दिशा में यह कदम एक बड़ा संदेश है। अधिकारी बोले कि “जल ही जीवन है, और नदियों को साफ़ और सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
श्रमदान में स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और नदी के तट को साफ करने, जलधारा खोलने और आसपास पौधारोपण की भी योजना रखी गई है। आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज़ किया जाएगा ताकि नदी को उसका पुराना गौरव लौटाया जा सके।