प्रयागराज में महाअष्टमी पर देवी भक्ति और मानव सेवा का सुंदर संगम: डॉ. राजेश खरे बने मिसाल
एक तरफ मां दुर्गा के चरणों में श्रद्धा, तो दूसरी ओर समाज सेवा की मिसाल—डॉ. राजेश खरे और पत्नी अर्चना खरे ने मनाया अष्टमी का पर्व भक्ति और सेवा के साथ
रिपोर्ट : विजय कुमार पटेल : प्रयागराज। महाअष्टमी केवल देवी पूजा का पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और समर्पण का प्रतीक बन चुका है। प्रयागराज के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. राजेश खरे ने इसे एक नई ऊंचाई दी है—जहां एक ओर मां दुर्गा की भक्ति में डूबा घर, वहीं दूसरी ओर समाज सेवा की मिसाल बनते हुए उन्होंने फिर दिखाया कि असली पूजन वही है जो जरूरतमंद के आंसू पोंछे।
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प्रयागराज के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजेश खरे (बीएएमएस), जो कोरोना काल के दौरान निस्वार्थ भाव से सैकड़ों लोगों का मुफ्त इलाज कर चुके हैं, आज भी उसी भावना के साथ मरीजों की सेवा करते हैं। अगर कोई जरूरतमंद बिना पैसे के उनके पास पहुंचता है, तो डॉ. खरे उसे कभी खाली हाथ नहीं लौटाते।
आज महाअष्टमी के पावन अवसर पर डॉ. राजेश खरे की धर्मपत्नी अर्चना खरे ने अपने आवास पर मां दुर्गा के सम्मान में भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया। इस देवी आराधना कार्यक्रम में पड़ोस और समाज की अनेक महिलाएं शामिल हुईं।
कार्यक्रम में सम्मिलित रहीं ये महिलाएं
मंजू पटेल, सुरभि चौधरी, नेहा चौधरी, रश्मि, जुबीन मैडम सहित दर्जनों महिलाओं ने देवी गीतों के माध्यम से मां दुर्गा की भक्ति में रंग भर दिए। घर का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया और अष्टमी की पूजा श्रद्धा और उल्लास से संपन्न हुई।
टीवी9 भारत समाचार ने सराहा
डॉ. राजेश खरे की समाजसेवा और जनकल्याणकारी कार्यों की सराहना टीवी9 भारत समाचार ने की और उन्हें इस पुण्य कार्य के लिए सम्मानित करने की घोषणा की।
डॉ. राजेश खरे बोले: “मां दुर्गा की कृपा और समाज का आशीर्वाद ही मेरी सबसे बड़ी दौलत है। अगर मेरी सेवा से किसी की जिंदगी बचती है तो यही मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है।”
गौरतलब हो कि महाअष्टमी पर जहां एक ओर घर-घर में मां दुर्गा की पूजा हो रही थी, वहीं प्रयागराज में डॉ. खरे जैसे व्यक्तित्व ने दिखा दिया कि सच्ची पूजा सेवा में है। उनके घर की देवी भक्ति और समाज सेवा की गूंज देर तक लोगों के दिलों में गूंजती रहेगी।
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