कैसरगंज में बेलगाम खनन माफिया: रात 2 बजे परसंडी गांव में मिट्टी की चोरी
फखरपुर थाना क्षेत्र में प्रशासन की अनदेखी से माफियाओं के हौसले बुलंद, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
- कैसरगंज में बेलगाम खनन माफिया: रात 2 बजे परसंडी गांव में मिट्टी की चोरी
- फखरपुर थाना क्षेत्र में प्रशासन की अनदेखी से माफियाओं के हौसले बुलंद, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
रिपोर्ट : अशोक सोनी : कैसरगंज : बहराइच। जहां एक तरफ सरकार अवैध खनन पर सख्ती के दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बहराइच के कैसरगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसंडी में रात के अंधेरे में खुलेआम मिट्टी चोरी की जा रही है। सोमवार देर रात 2:00 बजे के आसपास खेतों से जेसीबी मशीन के ज़रिए अवैध खनन किया गया। इस पूरी घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने प्रशासन को दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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ग्राउंड रिपोर्ट
- स्थान : ग्राम पंचायत परसंडी, थाना फखरपुर, कैसरगंज तहसील
- समय : रात लगभग 2:00 बजे
अवैध खनन में लिप्त लोग

ग्रामीणों का कहना है कि ये सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है और खनन माफिया रात के अंधेरे में जेसीबी से मिट्टी खुदवाकर ट्रैक्टरों में भरकर ले जाते हैं। प्रशासन की तरफ से कोई गश्ती नहीं होने के कारण ये काम बेरोकटोक जारी है।
ग्रामीणों की मांग
परसंडी गांव के कुछ जागरूक नागरिकों ने इस गतिविधि पर कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया, तो गांव की ज़मीनें बर्बाद हो जाएंगी और अवैध खनन का नेटवर्क और फैल जाएगा।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि जो लोग मिट्टी खुदवा रहे हैं, उन पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
रात के सन्नाटे में मिट्टी की चोरी, ग्राम परसंडी के खेतों से हो रहा अवैध खनन
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
फखरपुर थाना क्षेत्र में लगातार हो रहे इस प्रकार के मामलों पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन की चुप्पी भी मिलीभगत का हिस्सा है?
न्याय की पुकार
ग्रामीणों की सीधी मांग है कि खनन रोकने के लिए तुरंत गश्ती बढ़ाई जाए और अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। ग्राम पंचायत स्तर पर भी निगरानी कमेटी बनाने की मांग की जा रही है ताकि गांव की ज़मीनें बचाई जा सकें।
गौरतलब हो कि यह खबर न सिर्फ एक गांव की ज़मीन की कहानी है, बल्कि उस सिस्टम की तस्वीर भी है जहां ज़मीनी सच्चाई अनदेखी हो रही है। अगर प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो खनन माफियाओं की ये बेलगाम दौड़ पूरे क्षेत्र की ज़मीन को निगल जाएगी।
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