बेटे की कब्र पकड़ कर रोया पिता, कहा – जिस ज़मीन को बेटे के लिए खरीदा, वहीं बनी उसकी कब्र

बेटे की मौत से आहत डीटी लक्ष्मण ने ज़मीन पर लाकर कब्र से सिर लगाकर कहा - जो मेरे बेटे के साथ हुआ जैसा किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। जिस ज़मीन को मैंने उसके लिए खरीदा था।

बेटे के कब्र पकड़कर रोया पिता , कहा – जिस ज़मीन को बेटे के लिए खरीदा , वहीं बनी उसकी कब्र 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : हासन , कर्नाटक। 

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत का जश्न मनाते समय हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 47 लोग घायल हो गए थे।

लेकिन इस हादसे में जान गवाने वाले परिवार के सामने आजीवन न भरने वाला ज़ख्म मिल गया हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक पिता अपने बेटे की कब्र से लिपट कर रोते नज़र आ रहा हैं।

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बाबू कर देने वाले इस दृश्य ने सभी को झकझोर दिया है। आपको बता दें कि भगदड़ में इंजीनियरिंग के स्टूडेंट भौमिक लक्ष्मण की इसमें मौत हो गई थी, वहीं भौमिक के पिता डीटी लक्ष्मण ने अपने बेटे का शव हासन गांव में दफ़नाया था।

बेटे की मौत से आहत डीटी लक्ष्मण ने ज़मीन पर लेटकर कब्र से सिर लगाकर कहा – जो मेरे बेटे के साथ हुआ, वैसा किसी और के साथ न हों। जिस ज़मीन को मैंने उसके लिए खरीदा था, अब वही उसकी याद में स्मारक बना दिया गया है।

आप मुझे कहीं और नहीं जाना। मैं भी यही रहना चाहता हूं। किसी भी बाप को वह सब नहीं झेलना चाहिए, जो मैं झेल रहा हूं।

इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था। भौमिक इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहा था। भौमिक हमेशा की तरह कॉलेज गया था और वहां से वह अपने दोस्तों के साथ चिन्नास्वामी स्टेडियम गया था। लेकिन इसी दौरान भीड़ में भगदड़ मच गई।

जिसमें भौमिक समेत 11 लोगों की जान चली गई थी।

इकलौता बेटा था भौमिक 

हासन जिले के बेलूर तालुक के कुप्पागोड गांव का रहने वाला भौमिक डीटी लक्ष्मण – अश्वनी दंपति का इकलौता बेटा था। पिछले 20 साल से बेंगलुरु में रह रहें लक्ष्मण एक छोटा सा उद्योग चलाते हैं। उनके गांव में ज़मीन है और उनके परिवार के लोग साल में 5- 6 बार यहां आते थे।

अपने इकलौते बेटे को खो चुके दंपति गहरे दुःख में हैं।

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