भाजपा विधायक अभय वर्मा को बड़ी ज़िम्मेदारी, दिल्ली विधानसभा में बने चीफ व्हिप।
विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सीएम की रेस में कौन-कौन लोग शामिल हैं? इस सवाल के जवाब में अभय वर्मा ने कहा था कि हमारी पार्टी में रेस में कोई शामिल नहीं होता है। एक सामूहिक निर्णय होता है। विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 24 मार्च से दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है तो उससे पहले अभय वर्मा को पार्टी की ज़िम्मेदारी दी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
दिल्ली के लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अभय वर्मा पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से ठीक पहले अभय वर्मा को पार्टी ने विधानसभा में चीफ व्हिप नियुक्त किया है। अब वह सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और पार्टी विधायकों को निर्देश देने का काम करेंगे।
मुख्य सचेतक एक राजनीतिक नेता होता है, जिसका कार्य व्हिप प्रणाली को लागू करना होता है। जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि विधायक, जो किसी राजनीतिक दल के सदस्य हैं, पार्टी नेतृत्व के निर्देशानुसार सदन में उपस्थित हो और विधेयक मतदान करें। अभय वर्मा दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद जब नतीजा बीजेपी के पक्ष में आया और कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
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इसकी चर्चा चल रही थी, तब उसमें अभय वर्मा का नाम भी शामिल था। हालांकि, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम का जब ऐलान हुआ तब उस सूची से वह बाहर हो गए थे। अभय वर्मा पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं।
विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सीएम की रेस में कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस सवाल के जवाब में अभय वर्मा ने कहा था कि हमारी पार्टी में रेस में कोई शामिल नहीं होता है। एक सामूहिक निर्णय होता है और विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया जाता है। अब 24 मार्च से दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है, तो उससे पहले अभय वर्मा को पार्टी ने चीफ व्हिप की जिम्मेदारी दी है।
इससे पहले जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तो विधानसभा में के तत्कालीन आप विधायक दिलीप पांडेय थे।
चीफ व्हिप को हिंदी में मुख्य सचेतक कहते है और व्हिप को केवल सचेतक कहा जाता है। व्हिप उनके चीफ व्हिप की सहायता करते हैं।
अंग्रेजों से विरासत में मिले व्हिप का इस्तेमाल राजनीतिक दल फ्लोर मैनेजमेंट के लिए करते हैं। यह एक लिखित आदेश होता है। जिसे राजनीति दल अपने सांसदों और विधायकों को सदन में मतदान के मौके पर उपस्थित होने के लिए जारी करते हैं।
सदन के अंदर मुख्य सचेतक का काम सांसदों और विधायकों को पार्टी लाइन के दायरे में रखना होता हैं।
देश में सभी राजनीतिक दल अपने विधानसभा और संसदीय दल के लिए व्हिप जारी करते हैं, पार्टी किसी वरिष्ठ सदस्य को चीफ व्हिप और कुछ लोगों को व्हिप नियुक्त करती हैं।
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