भांजे से प्रेम- प्रसंग में पत्नी ने की पति की हत्या

लाश दफन कर डाला 12 किलो नमक, 10 महीने बाद ऐसे खुला राज

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर इन चीफ) कानपुर (उत्तर प्रदेश)।  पत्नी के प्रेम प्रसंग ने एक और पति की जान ले ली। यह मामला कानपुर के सचेड़ी थाना क्षेत्र का है। यहां पत्नी का अपने ही भांजे से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसमें रोड बन रहे पति की पत्नी और प्रेमी भांजे ने हत्या कर दी। इसके बाद हत्याकांड को छुपाने के लिए लाश को बगीचे में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया। लाश जल्दी से गल जाए इसलिए उस पर 12 किलो नमक भी डाल दिया। इस मामले में हत्या के करीब 10 महीने बाद परिजनों ने केस दर्ज कराया। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो इस जघन्य हत्याकांड की परतें खुल गई। शनिवार को हत्यारोपी पत्नी और भांजे को गिरफ्तार कर लिया गया।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक मूल रूप से बांदा जिले की रहने वाली सावित्री अपने बेटे शिवराम सिंह (46 वर्ष) बहू लक्ष्मी और उनके तीन बच्चों के साथ कानपुर के सचेड़ी थाना क्षेत्र के लालपुर गांव में रहती थी। कुछ साल पहले शिववीर सिंह गुजरात में प्राइवेट नौकरी करता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात वाराणसी की लक्ष्मी से हुई दोनों में प्रेम हो गया तो लव मैरिज कर लिया। इसके बाद उनके तीन बेटे हुए बड़ा बेटा आनंद और उसके बाद रोहित और अंकित  6 साल पहले गांव में रहने लगे थे।

मृतक शिविर की बहन कांति ने बताया कि उनका भाई 6 साल पहले अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गांव लौट आया था। गांव में मकान न होने की वजह से भांजे अमित ने उन्हें अपने घर के सामने रहने के लिए जगह दे दी थी। शिव वीर वहां झोपड़ी बनाकर मां, पत्नी और बच्चों के साथ रहने लगा। इसी दौरान भांजे अमित का शिववीर की पत्नी लक्ष्मी यानी अपनी मम्मी के साथ प्रेम संबंध हो गए, भांजे और पत्नी के बीच अवैध संबंधों की जानकारी होने पर शिववीर अक्सर शराब के नशे में पत्नी से मारपीट करने लगा।

2 नवंबर 2024 की रात लक्ष्मी ने पूरे परिवार को नशे की गोलियां खिला दीं। इसके बाद शिववीर के सिर पर सरिया से वार करके उसकी हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने शव को घर के पीछे बाग में दफना दिया। आरोपियों ने शव को गलाने के लिए उसमें 12 किलो नमक भी डाला। कुछ महीने बीते तो कुत्तों ने गड्ढे को खोदना शुरू कर दिया और कुछ हड्डियां बाहर निकलने लगी। इसकी जानकारी होने पर आरोपियों ने हड्डियों को पनकी नहर में ले जाकर फेंक दिया।

मृतक शिववीर के बड़े बेटे आनंद ने बताया कि वह 5 नवंबर को नौकरी करने राजस्थान चला गया था। इस दौरान उसने मां लक्ष्मी से कई बार फोन पर पिता के बारे में हाल-चाल जाना और उनके बारे में पूछताछ की। इस पर मां ने कहा कि उनकी बात हो गई है वह ठीक है। हमने जब पिता का नंबर मांगा तो मां ने कहा की फैक्ट्री में फोन पर बात करने की अनुमति नहीं है। उनका मोबाइल नंबर भी नहीं आया है इसलिए उन्हें याद भी नहीं है। इसके बाद जब वापस गांव पहुंचा तो पूरे घटनाक्रम की जानकारी बुआ को दी। परिजनों को जब आशंका हुई तो उन्होंने सचेड़ी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की गहनता से जांच पड़ताल शुरू दी। पुलिस ने आरोपी पत्नी और भांजे को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्याकांड से पर्दा उठ गया। दोनों ने हत्या करके शव को बगीचे में दफनाने की बात को कबूला कर लिया। इसके बाद पुलिस ने बगीचे में खुदाई शुरू की तो शिववीर के कंकाल के कुछ अवशेष और बनियान, गले का लॉकेट बरामद कर लिया। पनकी एसीपी शिखर ने बताया कि सचेड़ी थाना क्षेत्र के लालपुर गांव निवासी सावित्री देवी ने 19 अगस्त 2025 को थाना सचेड़ी पर एक प्रार्थना पत्र दिया उसमें उनके द्वारा बताया गया कि उनका बेटा शिववीर सिंह घर से कहीं चला गया है। उन्होंने बताया की प्रार्थना पत्र के आधार पर तत्काल गुमशुदगी दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की गई। 

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6 सितंबर 2025 शनिवार को सावित्री देवी ने फिर से तहरीर दी और बताया कि उनके बेटे शिववीर सिंह को उनकी बहू और नाती द्वारा अपहरण कर गायब कर दिया गया है। दोनों के बीच अवैध संबंध है। इस तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर सीडीआर रिपोर्ट निकली गई। यह तब यह बात प्रकाश में आई कि सावित्री देवी की बहू और नाती के बीच लगातार बात होती थी। पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने शिववीर सिंह की हत्या करके शव को बगीचे में दफनाने की बात को कबूल किया। पुलिस द्वारा इस मामले में साक्ष्य एकत्र कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।