
दुधवा की गोद में ‘भवानी’, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रचाई वन्य जीवन से जुड़ाव की नई कहानी
थारू समाज की मेहनतकश महिलाओं का किया सम्मान, विदेशी सैलानियों से लिया दुधवा के अनुभवों का फीडबैक
रिपोर्ट : आयुष पाण्डेय : लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दुधवा टाइगर रिजर्व दौरा एक प्रशासनिक कार्यक्रम से कहीं ज्यादा एक भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन गया। जहां एक ओर थारू समाज की महिलाओं की मेहनत को मुख्यमंत्री ने खुले दिल से सराहा, वहीं दूसरी ओर एक नन्ही हथिनी को ‘भवानी’ नाम देकर उन्होंने दुधवा के जंगलों में नई उम्मीदों का दीप भी जलाया।
वन्य जीवन के उपकरणों का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) के सहयोग से लगाए गए मानव-वन्य जीव संघर्ष को कम करने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी भी देखी। ट्रैंक्युलाइज्ड गन, ट्रेल कैमरा, ड्रोन और रैपिड रिस्पांस टीम के उपकरणों के बारे में जानकारी लेते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन संसाधनों का इस्तेमाल वन्य जीवों और इंसानों दोनों की सुरक्षा के लिए प्रभावी ढंग से हो।
विदेशी पर्यटकों से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री ने दुधवा में आए विदेशी पर्यटकों से भी बातचीत की। जब उन्होंने पर्यटकों से यहाँ की व्यवस्थाओं के अनुभव पूछे, तो पर्यटकों ने दुधवा की सुंदरता और सुविधा व्यवस्था की खुलकर प्रशंसा की। इस पर मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि आने वाले समय में दुधवा को विश्व स्तर का पर्यटन स्थल बनाने में कोई कसर न छोड़ी जाए।
भवानी से जुड़ी एक नई शुरुआत
रिजर्व के सलूकापुर हाथी कैंप में मुख्यमंत्री की मुलाकात एक नन्ही शिशु हथिनी से हुई। उसे देखकर मुख्यमंत्री के चेहरे पर एक भावुक मुस्कान खिल उठी। बड़े स्नेह से उन्होंने उस नन्हीं हथिनी का नाम ‘भवानी’ रखा। फिर अपने हाथों से भवानी और अन्य हाथियों को केला व चारा खिलाकर उन्हें दुलार भी किया। इस दृश्य ने दुधवा के शांत वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा भर दी। भवानी का नाम आज दुधवा के जंगलों में मुख्यमंत्री के आशीर्वाद की तरह गूंज रहा है।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, प्रमुख सचिव (वन) अनिल कुमार समेत वन विभाग और पर्यटन विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर दुधवा को वन्यजीव संरक्षण और इको-टूरिज्म के क्षेत्र में एक मिसाल बनाने का संकल्प दोहराया।