
BSF जवान की घर वापसी: पाकिस्तान ने सौंपा भारत को जवान पूर्णम कुमार
LOC पार करने के बाद पाकिस्तान की हिरासत में थे जवान, अब भारत लौटे — जांच और पूछताछ का दौर शुरू
- BSF जवान की घर वापसी: पाकिस्तान ने सौंपा भारत को जवान पूर्णम कुमार
- LOC पार करने के बाद पाकिस्तान की हिरासत में थे जवान, अब भारत लौटे — जांच और पूछताछ का दौर शुरू
विजय कुमार पटेल : नई दिल्ली / जम्मू। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार, जो कुछ दिन पहले गलती से नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे, अब सुरक्षित भारत लौट आए हैं। पाकिस्तान ने उन्हें औपचारिक रूप से भारत को सौंपा। अब उनकी मेडिकल जांच के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ भी कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी सीमा पार करने की वजह क्या थी और कहीं कोई सुरक्षा चूक तो नहीं हुई।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात BSF जवान पूर्णम कुमार कुछ दिन पहले गश्त के दौरान गलती से LoC पार कर पाकिस्तानी इलाके में चले गए थे। वहां पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। घटना की सूचना मिलते ही BSF ने पाक रेंजर्स से संपर्क कर बातचीत शुरू की।
दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई और शांति एवं सहयोग की भावना के तहत पाकिस्तान ने जवान को भारत को सौंप दिया। लौटते ही जवान को जम्मू स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी प्रारंभिक मेडिकल जांच हुई।
भारत में अब आगे क्या?
BSF और खुफिया एजेंसियां अब जवान से पूछताछ कर रही हैं:
- पूछताछ का उद्देश्य : यह जानना कि क्या सीमा पार करना वास्तव में एक दुर्घटना थी या इसके पीछे कोई संदेहास्पद गतिविधि थी।
- मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन : मानसिक स्थिति की जांच की जाएगी कि जवान तनाव या भ्रम का शिकार तो नहीं था।
- अनुशासनात्मक प्रक्रिया : अगर विभाग को लगता है कि ड्यूटी में लापरवाही हुई है, तो जवान पर विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है।
- परिवार से मिलने से पहले क्लियरेंस : सभी सुरक्षा और मेडिकल प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही जवान को अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी जाएगी।

पूरा घटनाक्रम एक नजर में
- जवान पूर्णम कुमार गलती से LOC पार कर गए थे
- पाकिस्तान ने हिरासत में लेने के बाद भारत को सौंपा
- फ्लैग मीटिंग के बाद हुई वापसी
- अब भारत में मेडिकल जांच और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ शुरू
- विभागीय जांच के बाद हो सकता है अनुशासनात्मक फैसला
BSF के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है —“इस तरह की घटनाएं संवेदनशील होती हैं। हमें हर पहलू की गंभीरता से जांच करनी होती है, ताकि भविष्य में ऐसी चूक न हो और देश की सुरक्षा पर कोई असर न पड़े।”
विशेषज्ञों की यह है राय
सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मामलों में मानवीय संवेदना और कड़ाई, दोनों की जरूरत होती है। जवान की वापसी निश्चित ही राहत की खबर है, लेकिन पूछताछ और जांच भी उतनी ही जरूरी है ताकि कोई सुरक्षा चूक भविष्य में न हो।