छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी: प्रेम संबंध में सहमति से बने शारीरिक संबंध पर नहीं चलेगा रेप या POCSO का केस

कोर्ट ने कहा - प्रेमी जोड़े की सहमति से बनाए गए संबंध जबरन नहीं माने जा सकते, पॉक्सो का दुरुपयोग न हो

विजय कुमार पटेल : बिलासपुर : छत्तीसगढ़। बिलासपुर से एक बेहद अहम फैसला सामने आया है, जिसमें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि प्रेमी-प्रेमिका के बीच आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनते हैं, तो उसे न तो बलात्कार कहा जा सकता है और न ही उस पर पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। कोर्ट ने यह फैसला एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें पहले निचली अदालत ने युवक को 10 साल की सजा सुनाई थी।

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Chhattisgarh High Court's big comment: Rape or POCSO case will not run on a physical relationship formed by consent in love affair
फोटो : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक रेप और पॉक्सो केस में बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी युवक को बरी कर दिया। यह मामला तब सामने आया जब युवक ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

असल में, युवक पर आरोप था कि उसने एक लड़की के साथ बलात्कार किया है और पीड़िता नाबालिग थी। इस आधार पर उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था।

लेकिन जब यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचा, तो सुनवाई के दौरान कई अहम बातें सामने आईं। सबसे पहले अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी।

इसके अलावा, पीड़िता ने खुद कोर्ट में स्वीकार किया कि उसका आरोपी युवक से प्रेम संबंध था और दोनों ने आपसी सहमति से संबंध बनाए थे।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि अगर किसी प्रेमी जोड़े के बीच आपसी सहमति से संबंध बनते हैं, तो वह रेप की श्रेणी में नहीं आता।

कोर्ट ने यह भी कहा कि पॉक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा है, लेकिन जब लड़की की उम्र का प्रमाण न हो और संबंध आपसी सहमति से बने हों, तो इस कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

कोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले को रद्द करते हुए आरोपी को तत्काल रिहा करने का आदेश भी दे दिया।

Chhattisgarh High Court's big comment: Rape or POCSO case will not run on a physical relationship formed by consent in love affair
जानिए कोर्ट की क्या है अहम टिप्पणी :

  • आपसी सहमति से प्रेम संबंध में बने शारीरिक संबंध रेप नहीं माने जाएंगे।  
  • पीड़िता की उम्र साबित न होने पर पॉक्सो एक्ट नहीं लगाया जा सकता।  
  • बच्चों की सुरक्षा के लिए बना कानून गलत मामलों में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

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