चाइनीस मांझे के ख़िलाफ़ न्याय मार्च, युवा विवेक शर्मा की मौत पर फूटा आमजन मानस का गुस्सा।
इस मार्च में शामिल लोगों ने चाइनीज़ मांझे के ख़िलाफ़ नारे लगाए हैं। लोगों में सजना प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा दिखाई दे रहा था। साथी इस दुखद घटना के कारण लोग गमगीन भी थे। विवेक के पिता ने कहा है कि उनके घर का दीपक तो बुझ गया है। लेकिन प्रशासन को चाइनीस मांझे पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाना चाहिए। ताकि किसी दूसरे घर का चिराग ना बुझ सकें।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार वाराणसी (उत्तर प्रदेश )।
हत्यारे चाइनीज मांझे ने 2 दिन पहले एक युवा विवेक शर्मा की जान ले ली है। उसकी मौत ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है।
समाजवादी पार्टी के नेता किशन दीक्षित के नेतृत्व में लोगों ने विवेक शर्मा के घर पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की, और फिर चाइनीज मांझा विरोधी मार्च निकाला।
इस मार्च में विवेक के पिता राजेश शर्मा सहित परिवार के लोग भी शामिल हुए।
इस मार्च में शामिल लोगों ने चाइनीज़ मांझे के ख़िलाफ़ नारे लगाएं है। लोगों में शासन- प्रशासन के प्रति काफ़ी गुस्सा दिखाई दे रहा था। साथी इस दु:खद घटना के कारण लोग गमगीन भी थे।
विवेक के पिता ने कहा है कि उनके घर का दीपक तो बुझ गया है। लेकिन प्रशासन को चाइनीज मांझे पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाना चाहिए, ताकि किसी दूसरे घर का चिराग न बुझें।
उन्होंने आगे कहा है कि आख़िर सरकार और प्रशासन को यह बात समझने में और कितना समय लगेगा? आख़िर और कितनी जिंदगियां प्रशासन की इस नाकामी की भेंट चढ़ेंगी? अब प्रशासन जब तक की जानलेवा मांझे की बिक्री को नहीं रोकता तब तक हम ऐसे ही विरोध करते रहेंगे।
समाजवादी पार्टी के नेता के किशन दीक्षित ने कहा है कि शासन और प्रशासन की नाकामी के कारण ही बनारस के सड़कों पर मौत की डोर खुलेआम नाच रही है। कानून-व्यवस्था पर बड़े-बड़े दावे करने वालों की पोल खुलेआम बिकता यह चाइनीज मांझा ही पोल खोल रहा है।
धर्म की रणनीति करने वाले प्रशासनिक तथा कमी से मरे ऐसे आम आदमी पर चुप्पी साध लेती है। इसलिए सत्ता से जुड़े लोगों ने ना तो इस घटना पर कोई टिप्पणी की, और नहीं पूरे परिवार का हाल-चाल लिया गया।
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