दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला हुआ है झारखंड में, बाबूलाल मरांडी ने सीबीआई से जांच कराने की मांग
इस मामले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त उत्पादन आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ़्तारी को सामान्य बताते हुए, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसकी जांच यदि केंद्रीय जाट एजेंसी से कराई जाए तो कहीं बड़े लोग इसकी जद में आ जाएंगे।
दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला हुआ है झारखंड में, बाबूलाल मरांडी ने सीबीआई से जांच कराने की मांग
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : रांची , झारखंड ।
झारखंड में दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला होने की आशंका जताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसकी जांच सीबीआई से करने की मांग की है।
बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में शराब घोटाले को लेकर हमने 2022 में कई बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।
बाबूलाल मरांडी 19 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यदि उस समय मुख्यमंत्री संज्ञान लिए होते, तो ऐसा नहीं होता।
राज्य में शराब घोटाला हुआ नहीं है, बल्कि संयोजित रूप से करवाया गया हैं। इसलिए केंद्रीय एजेंसी की जांच से बचाने के लिए सरकार ने एसीबी का सहारा लिया है।
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इस मामले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और उत्पादन आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ़्तारी को सामान्य बताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसकी जांच यदि केंद्रीय जांच एजेंसी से कराई जाएं, तो कई बड़े लोग इसकी जद में आ जाएंगे।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से झारखंड का है लिंक – बाबूलाल मरांडी
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला से झारखंड का लिंक होने की बात कहते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जैसे ही सितंबर 2024 में सीबीआई – ईडी ने इसकी जांच शुरू की और झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे को पूछताछ के लिए बुलाया गया, राज्य सरकार ने इससे बचने के लिए एसीबी का सहारा लिया।
उन्होंने कहा कि ऐसे विनय प्रारंभिक जांच शुरू कर इसे थमने की कोशिश की और आनन-फानन में 20 मई को कांड दर्ज कर 1 घंटे के भीतर पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ़्तार कर लिया।

बाबूलाल सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को इस मामले में राज्य की जनता को बताना चाहिए कि आखिर 19 अप्रैल 2022 को मेरे द्वारा लिखे गए पत्र पर उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार भले ही इस मामले में एसीबी का सहारा लेकर ढकने का काम कर रही हो, लेकिन यह होने वाला नहीं है। केंद्रीय एजेंसी अपना काम जरूर करेंगी।
उन्होंने वर्तमान डीजीपी अनुराग गुप्ता की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक मामले में ईडी के गवाह बने, दो सीओ को एसीबी द्वारा कांड दर्ज कर उन्हें ईडी का गवाह नहीं बनने के लिए दवाब बनाया जा रहा हैं।
डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता को क्यों अवैध रूप से रखा गया है, वह इसी से पता चलता है।
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