पसमांदा समाज को शासन और विकास में हिस्सेदारी दिलाना समय की मांग: मोहम्मद युनुस

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के सीईओ बोले - अब नेतृत्व में भी दिखनी चाहिए पसमांदा की भागीदारी

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रिपोर्ट : अशोक सोनी : बहराइच। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद युनुस ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी पसमांदा समाज की है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें आज तक शिक्षा, प्रशासन और रोजगार में बराबर हक नहीं मिला है। अब वक्त आ गया है कि यह समाज सिर्फ पीछे बैठने वाला नहीं, बल्कि सामने आकर नेतृत्व करने वाला वर्ग बने।

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Demand for time to give Pasmanda society a stake in governance and development: Mohammad Yunus

शनिवार को बहराइच ज़िले के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोहम्मद युनुस ने कहा कि पसमांदा वर्ग को दशकों से दबाया गया है, विशेषकर अशराफ तबके के वर्चस्व के चलते। उन्होंने बताया कि उनका संगठन पूरे देश में पसमांदा समाज को उसका हक दिलाने के लिए काम कर रहा है, और उनका उद्देश्य है कि हर व्यक्ति शिक्षित हो, ताकि आने वाली पीढ़ी आत्मनिर्भर और सशक्त बन सके।

बहराइच के विकास पर जताई नाराजगी

मोहम्मद युनुस ने कहा कि वह खुद बहराइच के रहने वाले हैं और हाल ही में उन्होंने जिले के कई इलाकों का दौरा किया। उन्हें अफसोस है कि विकास की योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही दिख रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसी बुनियादी ज़रूरतों पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए।

संगठन ने लिया संकल्प

प्रेस वार्ता में संगठन से जुड़े कई पदाधिकारी भी मौजूद थे, जिनमें नफीस अंसारी, दोस मुहम्मद, इबादुल हक, बदरुद्दीन आदिल, शादाब, फुज़ैल और हलीम अंसारी प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि वे पसमांदा समाज के हक के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे।

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