डायल 112 पुलिस का ‘कारनामा’ — सिंदूरदान के वक्त रोक दी शादी, दूल्हा-दुल्हन को भेजा थाने!

दोनों पक्षों की रजामंदी के बावजूद पुलिस ने शादी रुकवा

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रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर के नाथनगर में उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब डायल 112 पुलिस ने मंदिर में हो रहे विवाह को बीच में ही रोक दिया। मामला प्रेम विवाह का था, लेकिन दोनों पक्षों की रजामंदी के बावजूद पुलिस ने शादी रुकवा दी और दूल्हा-दुल्हन को थाने ले गई। इस कार्रवाई के बाद थाने में हंगामा खड़ा हो गया।

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Dial 112 Police 'Karanama'-Marriage stopped at the time of Sinduradan, the bride and groom sent the police station

भागलपुर जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र स्थित बाबा मनसकामना नाथ मंदिर में एक प्रेमी जोड़ा अपने परिजनों की मौजूदगी में विवाह कर रहा था। लड़की लक्ष्मी कुमारी (23), निवासी सच्चिदानंद नगर, तिलकामांझी थाना और लड़का कौशल कुमार (25), निवासी नूरपुर नया टोला, मधुसूदनपुर थाना — दोनों परिवारों की सहमति से विवाह के लिए मंदिर पहुंचे थे।

सिंदूरदान की प्रक्रिया चल ही रही थी कि तभी डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंच गई और विवाह रोककर दूल्हा-दुल्हन को नाथनगर थाना ले गई। बताया गया कि किसी युवक ने फोन कर यह सूचना दी कि लड़का लड़की को भगा लाया है और जबरन शादी की जा रही है।

थाने में मचा हंगामा

थाने में दोनों पक्षों के परिजन जमा हो गए और पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। दूल्हे के पिता मुकेश मंडल ने बताया कि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे और दो दिन पहले वे घर से भाग गए थे। बाद में दोनों को समझा-बुझाकर घर लाया गया और दोनों परिवारों की सहमति से विवाह तय किया गया।

उधर लड़के के पिता मुकेश मंडल ने कहा “हमने समाज और लड़की वालों की सहमति से शादी करा रहे थे, लेकिन पुलिस ने बिना जांच शादी रुकवा दी।”

परिवार के फकरी मंडल ने कहा “बिना वजह की कार्रवाई कर रही है पुलिस। इससे बच्चों की जिंदगी खराब होगी।”

Dial 112 Police 'Karanama'-Marriage stopped at the time of Sinduradan, the bride and groom sent the police stationवहीं दुल्हन लक्ष्मी कुमारी ने कहा “हम दोनों की रजामंदी से शादी हो रही थी, किसी ने गलत सूचना दी है।”

जबकि मनसकामना नाथ मंदिर के पंडित अश्विनी कुमार झा ने कहा “दोनों परिवार मौजूद थे। ऐसा पहली बार देखा है कि शादी के दौरान पुलिस दूल्हा-दुल्हन को उठा ले जाए।”

गौरतलब हो कि सूचना की सत्यता की पुष्टि के बिना पुलिस द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। यदि दोनों परिवारों की सहमति थी, तो विवाह को रोकना उचित नहीं माना जाएगा। अब देखना यह होगा कि आगे पुलिस क्या कार्रवाई करती है।

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