डिजिटल अरेस्ट के बाद महिला अतिथि शिक्षक ने खाया ज़हर, अस्पताल में मौत।
पुलिस द्वारा बताया गया है कि अतिथि शिक्षक के व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से फोन आया जल सजना खुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताया। बाद में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उसने महिला से बात भी की महिला ने देखा की वीडियो कॉलिंग पर मौजूद सबसे पुलिस की वर्दी पहने हुए हैं। इतना ही नहीं बल्कि बाद में साइबर ठगने महिला को कई वीडियो भी भेजें। जिसमें बताया गया है कि पुलिस ने अधिकारियों की मीटिंग हो रही है। मीटिंग खत्म होने के बाद तुम्हारे घर पर पुलिस के लोग जाएंगे और तुम्हें गिरफ्तार कर लेंगे। अगर तुम मोबाइल फोन में बंद करती हो तो भी बच नहीं पाओगी। मऊगंज के वार्ड क्रमांक 12 निवासी रेशमा पांडे पति विनायक पांडे जो शासकीय हाई स्कूल पानी में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ थी। लेकिन यह गाना उनके व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार रीवा (मध्य प्रदेश )।
संभाग के मऊगंज ज़िले में डिजिटल अरेस्ट की घटना प्रकाश में आई है। जहां एक अतिथि शिक्षक डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए पहले ना केवल राशि दूसरे खाते में ट्रांसफर की बल्कि बाद में पैसा नाते पानी की स्थिति में ज़हर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। जिसे गंभीर अवस्था में रविवार की देर शाम संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई है। सोमवार को पीएम होने के बाद मऊगंज पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर ने कहा है कि महिला द्वारा थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी। हालांकि, अब हम पूरे मामले की जानकारी लेकर साइबर सेल की टीम से जांच कर रहे हैं।
पुलिस द्वारा बताया गया है कि अतिथि शिक्षिका के व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से फ़ोन आया, जालसाज ने ख़ुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताया। बाद में वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उसने महिला से बात भी की। महिला ने देखा है कि वीडियो कॉलिंग पर मौजूद सख्श पुलिस की वर्दी पहने हुए हैं।
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इतना ही नहीं बल्कि बाद में साइबर ठग ने कई वीडियो भी भेजें। जिसमें बताया गया है कि पुलिस अधिकारियों की मीटिंग हो रही है। मीटिंग खत्म होने के बाद तुम्हारे घर पर पुलिस के लोग जाएंगे और तुम्हें गिरफ़्तार कर लेंगे। अगर तुम मोबाइल फ़ोन भी बंद करती हो तो बच नहीं पाओगी।
क्या था पूरा मामला?……….
✍️… मऊगंज के वार्ड क्रमांक 12 निवासी रेशमा पांडे पति विनायक पांडे जो शासकीय हाई स्कूल पन्नी में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ थी। लेकिन एक दिन अचानक उनके व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से वॉइस कॉल आता है।
फ़ोन कॉल करने वाला व्यक्ति ख़ुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताता है। उसने रेशमा पांडे से किसी अपराध के संबंध से बात की और कहा है कि नज़दीकी थाने से पुलिस के लोग आएंगे और तुम्हें गिरफ़्तार कर लेंगे।
✍️… दरअसल, रेशमा पांडे के पति विनायक पांडे जो बहुत जलप्रपात स्थित कूड़ा महाराज के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए हुए थे। जो अब तक घर नहीं आ पाए थे।
कई दिनों से रेशमा पांडे अपने दो बच्चों के साथ घर पर रह रही थी। लेकिन तभी साइबर ठग ने उन्हें पुलिस अधिकारी बनके फ़ोन काॅल किया और उन्हें ब्लैकमेल करने लगा।
22 हज़ार रुपए भेजने के बाद भी नहीं छोड़ा पीछा…………..
✍️… रेशमा पांडे साइबर ठग के झांसे में आ गई। जानकारी के अनुसार साइबर ठग पिछले कई दिनों से उन्हें परेशान कर रहा था। बार-बार उनके पास अनजान नंबर से फ़ोन, वीडियो कॉलिंग और व्हाट्सएप पर वॉइस कॉलिंग आ रहे थे।
काफ़ी परेशान होने के बाद रेशमा ने उन्हें 22 हज़ार रुपए भी ट्रांसफर कर दिए, लेकिन इसके बाद भी साइबर ठगों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।
✍️… साइबर ठाकुर से बार-बार कहते रहे कि अगर तुम 50 हज़ार रुपए ट्रांसफर कर दोगी तो तुम्हें इस केस से बाहर कर दिया जाएंगा।
परेशान होकर रेशमा पांडे ने 22 हज़ार रुपए तो ट्रांसफर कर दिए लेकिन 50 हज़ार रुपए उनके पास नहीं थे। अंत में परेशान होकर रेशमा पांडे ने किसी को बिना बताए ही ज़हर का सेवन कर लिया।
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✍️… जिसे इलाज़ के लिए शनिवार की देर रात संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान रविवार की देर रात उसकी मौत हो गई।
महिला की मौत के बाद महिला के देवर मनीष पांडे द्वारा लगाएं गए आरोप के बाद मामला उजागर हो सका।
मनीष द्वारा उक्त वीडियो भी पुलिस को उपलब्ध कराए गए हैं। पुलिस पूरे मामले में वीडियो के आधार पर साइबर सेल की टीम की मदद से मामले की जांच कर रही है।
डिजिटल अरेस्ट की शिकार हुई एक महिला ने ज़हर खाकर आत्महत्या की है। हम पूरे मामले में बयान दर्ज़ कर मामले की जांच साइबर सेल की टीम से कर रहे हैं। महिला की मौत के पहले इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गई थी। यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि महिला ने किस कारणवश और किन परिस्थितियों में आत्महत्या की है?
रसना ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मऊगंज।