दूसरे देशों के लोग सनातन से जुड़ते हैं, तो वाहवाही होती है, हमारी बेटी से नफ़रत क्यों ?

भोपाल के वृंदावन नगर स्थित उनके घर पहुंच कर मीडिया ने हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया, मां किरण और भाई करण से बातचीत की। उन्होंने कहा हमारी बेटी पूर्व में ही एक सम्मानजनक करियर में थी। उसने दो-तीन साल पहले सब कुछ छोड़कर धर्म का मार्ग अपनाया है तो उसने क्या गलत किया है? दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती हैं तब तो सभी लोग उनकी तारीफ प्रशंसा करते हैं। लेकिन अपने ही देश और धर्म की बेटी यदि एक गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ स्नान करती है तो उसे पाखंडी बताने लगते हैं।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

प्रयागराज महाकुंभ में अपने सुंदरता और साध्वी वेशभूषा से भोपाल की हर्षा रिछारिया की देशभर में चर्चा है। एंकरिंग मॉडलिंग का कैरियर छोड़कर हर्षा ने साध्वी का रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया। कुछ साधु संतों ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए फटकार लगाई है। जबकि कई महात्माओं ने उनका बचाव किया है। एक सप्ताह के भीतर महाकुंभ से लेकर सोशल मीडिया के जरिए देश भर में हो रही चर्चाओं से हर्षा का परिवार भी चिंतित हैं।

भोपाल के वृंदावन नगर स्थित उनके घर पहुंच कर मीडिया ने हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया और मां किरण और भाई करण से बातचीत की गई। उन्होंने कहा है कि हमारी बेटी पूर्व में ही एक सम्मानजनक करियर में थी। उसने दो-तीन साल पहले सब कुछ छोड़कर धर्म का मार्ग अपनाया है तो उसने क्या गलत किया है?

यह भी पढ़ें – स्वर्णिम सफलता एवं गणतंत्र दिवस की अनंत शुभकामनायें

दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती है तब तो सभी लोग उनकी प्रशंसा करते हैं। लेकिन अपने ही देश और धर्म की बेटी एक गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ में स्नान करती है तो उसे पाखंडी बताने लगते हैं। आखिर उससे इतनी नफ़रत क्यों…..?

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनकी संतान धर्म के मार्ग पर चलें……

हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया ने बताया है कि हमारी बेटी ने कभी किसी से झूठ नहीं बोला है। कुछ लोगों ने अपने मन से बातें बताई और फैलाना शुरू कर दिया। बाद में हमारी बेटी को निशाने पर लेने लगे। लेकिन हम समझते हैं कि इससे हमारी बेटी का नाम ही हुआ है। वह किसी गलत काम में नहीं पकड़ी गई है। कौन माता-पिता नहीं चाहते हैं कि उनकी संतान धर्म-आध्यात्म के मार्ग पर चले। यदि कुछ चुनिंदा लोगों ने उसकी बुराई की है तो उससे कहीं ज्यादा लोगों ने उसका समर्थन भी किया है।

हर्षा की मां किरण रिछारिया ने कहा है कि कुछ साधु-संतों ने तो गुरुदेव कैलाशानंदगिरी को भी बुरा-भला कहा है। देश भर में हर्षा की चर्चा के बाद निरंजनी अखाड़ा का नाम और भी बढ़ गया है। इससे कुंठित होकर ऐसी बातें कहीं जा रही हैं। हालांकि उनके जवाब भी खुद संतजन ही दे रहे हैं। जो धर्म के सच्चे ज्ञाता है उन्हें मालूम है कि किसी व्यक्ति को धर्म से जोड़ना जरूरी है, चाहे माध्यम कोई भी हो।

हर्षा की मां ने बताया है कि जिस महाकुंभ में उनकी बेटी का नाम कितनी चर्चा में आया है उससे जुड़ा एक पुराना किस्सा है। 2004 के उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में शाही स्नान के दौरान जब हर्षा साधु संतों के स्नान के लिए बने स्थान पर चली गई थी तो पुलिस ने उसे धक्का देकर भगा दिया था। इससे हर्षा को काफ़ी बुरा लगा था। उसने कहा था कि एक दिन ऐसा भी होंगा, जब मैं साधु-संतों के बीच ही स्नान करूंगी। किरण बताती है कि प्रयागराज महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद हर्षा रिछारिया ने उन्हें फ़ोन किया था। उस दिन वह 2004 के कुंभ को याद करते हुए वह रो पड़ी थी।

मऊरानीगंज से है हर्षा का परिवार…..

हर्षा का परिवार मूल रूप से झांसी जिले के मऊरानीगंज से है। उनका परिवार बीते 25 वर्षों से भोपाल में है। हर्षा ने सरस्वती विद्या मंदिर से स्कूली पढ़ाई पूरी की थी और विक्रमादित्य कॉलेज से बीबीए किया था।

यह भी पढ़ें – अब 54 साल तक की अतिथि महिला शिक्षक बन सकती हैं, 9 साल की आयु सीमा बढ़ाई गई है।