इटावा सफारी पार्क में क्रिसमस के मौके पर तीन नए ख़ास मेहमानों का आगमन, प्राणी संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने की पहल।

बारहसिंघाओं के इस सफल स्थानांतरण का कार्य इटावा सफारी पार्क के क्षेत्रीय बना अधिकारी श्री रूपेश श्रीवास्तव, बायोलॉजिस्ट श्री बीएन सिंह, पशु चिकित्सक डॉक्टर शैलेंद्र सिंह, अनुभवी किपरों श्री विनोद कुमार और श्री सुधीर कुमार के देख-रेख में संपन्न हुआ है। इन बारहसिंघाओं और हिरण सफारी के एनिमल हाउस में बने विशेष क्वॉरेंटाइन हाउस में रखा गया हैं। यह क्वॉरेंटाइन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि स्थानांतरण के बाद बारहसिंघा स्वस्थ रहें और सफारी के पर्यावरण में सहज रूप से समायोजित हो सकें।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार इटावा (उत्तर प्रदेश )।

इटावा सफारी पार्क में क्रिसमस के मौके पर तीन नए ख़ास मेहमानों का आगमन हुआ है। लखनऊ के नबाव वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान से तीन बारहसिंघा इटावा सफारी पार्क लाए गए हैं‌। यह कदम प्राणी संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

बारहसिंघा, जिन्हें दलदली हिरण भी कहा जाता है। उत्तर भारत की जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इन बारहसिंघाओं के स्थानांतरण की योजना के तहत कुल चार नर और छ: मादा बारहसिंघा को लाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। प्रस्ताव को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त हुआ। इसके बाद प्रारंभिक चरण में दो नर और एक मादा बारहसिंघा को आज 23 दिसंबर को सफारी पार्क में लाया गया।

बारहसिंघाओं के इस सफल स्थानांतरण का कार्य इटावा सफारी पार्क के क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री रूपेश श्रीवास्तव, बायोलॉजिस्ट श्री बीएन सिंह, पशु चिकित्सक डॉक्टर शैलेंद्र सिंह, अनुभवी किपरों श्री विनोद कुमार व श्री सुधीर कुमार की देख-रेख में संपन्न हुआ।

फिलहाल, इन बारहसिंघाओं को हिरण सफारी के एनिमल हाउस में बने विशेष क्वॉरेंटाइन हाउस में रखा गया है। यह क्वॉरेंटाइन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि स्थानांतरण के बाद बारहसिंघा पूरी तरह स्वस्थ रहें और सफारी के पर्यावरण में सहज रूप से समायोजित हो सकें।

इटावा सफारी पार्क उत्तर प्रदेश के सबसे प्रमुख वन्य जीव संरक्षण स्थलों में एक है। यहां आंगतुको को वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलता है। बारहसिंघा का आगमन इस पार्क के आकर्षण को और बढ़ाएगा और पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

इटावा सफारी पार्क में जल्द ही बारहसिंघाओं की पूरी टोली देखने को मिलेंगी, क्योंकि स्थानांतरण की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगी। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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