फैक्ट्री में जिस जगह जला मज़दूर, 15 दिन बाद उस राख को परिजनों ने माना अवशेष, चिता में जला दी अंत्येष्टि

जून को बदायूं की मेंथा फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी। और दौरान वहां काम करने वाला मजदूर मुनेंद्र लापता हो गया था। फॉरेंसिक टीम में मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए।

फैक्ट्री में जिस जगह जला मज़दूर, 15 दिन बाद उस राख को परिजनों ने माना अवशेष, चिता में जला दी अंत्येष्टि 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : बदायूं , उत्तर प्रदेश ।

जिले की मेंथा फैक्ट्री में बीती जून को भीषण आग लगी थी। उस दौरान मजदूर मुनेंद्र भी लापता हो गया था।

15 दिनों के बाद मुनेंद्र के परिजनों ने उसके अवशेषों की पहचान करने का दावा किया है।

फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। इसके बाद परिजन बची हुई राख को प्लास्टिक के थैली में भरकर सम्मान पूर्वक सिर पर रखकर घर ले गए।

शुक्रवार सुबह इन अवशेषों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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आपको बता दें कि जून को बदायूं की मेंथा फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी। उसे दौरान वहां काम करने वाला मजदूर लापता हो गया था। फॉरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए हैं।

गुरुवार को शाम के समय फैक्ट्री में कबाड़ हटाने का काम बंद हो गया। मुनेंद्र के परिजन वहीं रुके रहें। जब मलबा हटाया गया, तब मुनेंद्र के परिजन उस जगह पहुंचे। जहां उन्होंने उसे जलते हुए देखा था।

वहां से कुछ हड्डियां, राख और हाथ-पैरों की उंगलियां मिली है। परिजनों ने फॉरेंसिक टीम के सामने दावा किया है कि वह अवशेष मुनेंद्र के है।

वह इसे ले जाना चाहते हैं। वहां से मुनेंद्र का जला हुआ मोबाइल और घड़ी भी मिली है। उस जगह की राख को मुनेंद्र के परिजन सिर पर रखकर घर ले गए। शुक्रवार को विधि विधान से उस राख का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मुनेंद्र पिछले 4 साल से फैक्ट्री में काम कर रहा था। परिजनों ने मुक़दमा दर्ज़ करने की मांग की है। साथ ही मुनेंद्र की बेटियों की परवरिश के लिए मुआवजे की मांग भी की हैं।

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