हाटा के यूनानी अस्पताल में 3.5 महीने के बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप… देखें Video
ग्रामीणों में आक्रोश, फर्जी डॉक्टरों पर लगाम की मांग; सीएमओ से स्वतः संज्ञान लेने की अपील
- हाटा के यूनानी अस्पताल में 3.5 महीने के बच्चे की मौत पर परिजनों का हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
- ग्रामीणों में आक्रोश, फर्जी डॉक्टरों पर लगाम की मांग; सीएमओ से स्वतः संज्ञान लेने की अपील
रिपोर्ट : बाबूलाल सक्सेना : उत्तर प्रदेश। हाटा क्षेत्र के एक यूनानी पद्धति से संचालित अस्पताल में साढ़े तीन महीने के मासूम बच्चे की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले भी यहां ऐसे मामलों की शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
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परिजनों के मुताबिक, इलाज के दौरान डॉक्टर ने गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन का रवैया भी असंवेदनशील रहा, जिससे ग्रामीणों और परिजनों में भारी आक्रोश फैल गया।
जांच की मांग उठी
बच्चे की मौत से आहत परिजन और स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सीएमओ को खुद संज्ञान लेकर जांच शुरू करनी चाहिए या एक स्वतंत्र मेडिकल टीम गठित कर मामले की पड़ताल कराई जाए।
फर्जी डॉक्टरों पर बड़ा सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि हाटा क्षेत्र में कई डॉक्टर फर्जी डिग्री के आधार पर प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन तथाकथित चिकित्सकों की वजह से आए दिन मरीजों की जान खतरे में रहती है।
एक ग्रामीण ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा “अगर समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो ये मौतें सिलसिला बन जाएंगी,”।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर भी उठे सवाल
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि विभाग को लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद फर्जी डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

अब स्थानीय लोग स्वास्थ्य विभाग से सख्त एक्शन और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न दोहराए जाएं।
घटना के बाद अभी तक स्वास्थ्य विभाग, सीएमओ कार्यालय या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन की प्रतिक्रिया और कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
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