फर्जी सिम चलाने वालों की अब खैर नहीं, एक्शन मोड में सरकार, जान लें नए नियम।

साइबर सुरक्षा के मध्य नजर दूरसंचार कानून के तहत हाल ही में जारी नियमों के तहत यह कदम दूरसंचार विभाग ने उठाया है। ऐसे हर एक मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा। जवाब में उचित स्पष्टीकरण नहीं मिला तो 6 महीने से 3 साल तक के लिए ऐसे व्यक्ति के सिम खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जबकि कई बार ऐसी हरकत करने वालों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ कराया जाएगा। दूरसंचार विभाग के मुताबिक चिन्ह मामलों में नोटिस जारी किया जाएगा उनके निगरानी बहुत सख्ती से निगरानी ‌की जाएगी।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार एजेंसी नई दिल्ली।

सर जी सिमकार्ड और धोखाधड़ी करने वाले संदेशों के जरिए साइबर अपराध को अंजाम देने वालों की अब खैर नहीं है। केंद्र सरकार ने ऐसे नंबरों, नाम को ब्लैक लिस्ट में डालना शुरू कर दिया है। इन गतिविधियों को अपराध के दायरें में रखा गया है। ऐसे मामले में सिम खरीदने पर प्रतिबंध लगाने समेत मुक़दमा भी दर्ज कराया जाएगा। 

साइबर सुरक्षा के मद्देनजर दूरसंचार कानून के तहत हाल ही जारी नियमों के तहत यह कदम दूरसंचार विभाग ने उठाया है। ऐसे हर एक मामले में नोटिस जारी कर जब आप तलब किया जाएगा। जवाब म्यूजिक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो 6 महीने और 3 साल तक के लिए ऐसे व्यक्ति के सिम खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जबकि कई बार ऐसी हरकत करने वालों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज़ किया जाएगा।

दूरसंचार विभाग के मुताबिक, जिन मामलों में नोटिस जारी किया जाएगा, उनकी निगरानी बहुत सख्ती से की जाएगी। केस तो केस बेसिस पर हर एक मामले पर कदम उठाया जाएगा। फर्जी सिम और धोखाधड़ी वाले संदेश भेजने वालों को नोटिस के जवाब में वैसे तो 7 दिनों का वक्त दिया जाएगा। लेकिन उचित आशंका के आधार पर तत्काल कदम भी उठाया जाएंगा। दूरसंचार विभाग नियमों के तहत फर्जी सिम हासिल करना संदेश भेजना साइबर सुरक्षा को खतरे में डालना माना गया है। नए साल में ब्लैक लिस्ट में दर्ज़ नामों के ख़िलाफ़ कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

जनहित में उचित आशंका के आधार पर सरकार द्वारा बिना नोटिस के भी कदम उठाया जा सकता है। तत्काल कदम प्रथम दृष्टता कई बार फर्जी सिम खरीदने वालों या बार-बार कई नंबरों पर फर्जी वाले का संदेश भेजने वालों के ख़िलाफ़ कदम उठाया जाएगा। दूरसंचार विभाग के मुताबिक, जा रे नियमों में सरकार ने प्रावधान को शामिल किया है, जिसमें रिपोजिटरी आफ पर्सन के तहत सूची तैयार की जा रही है। इसमें पूरी प्रक्रिया तय है कि और इसके जरिए साइबर अपराधियों के हथियार, जो फर्जी सिम होता है, उसे पर पूरी तरह से अंकुश लगेगा।

फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और पहले से कड़ा किया है। इसके साथ ही मैसेज ट्रैकिंग और डेटा सुरक्षा को भी लागू किया जा रहा है।

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